अपडेटेड 11 December 2025 at 06:20 IST
अचानक PM मोदी को आया दूर देश से फोन, घंटी बजते ही क्यों बढ़ने लगी पाकिस्तान की धड़कनें? टेंशन में मुनीर! जानिए ऐसी क्या बात हुई
प्रेस रिलीज में कहा गया कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद के प्रति अपने जीरो-टॉलरेंस अप्रोच को भी दोहराया।
- भारत
- 2 min read

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का फोन आया। प्रधानमंत्री के ऑफिस ने एक प्रेस रिलीज में इसकी जानकारी दी।
प्रेस रिलीज में कहा गया कि दोनों नेताओं ने भारत-इजरायल स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के प्रति अपने जीरो-टॉलरेंस अप्रोच को भी दोहराया।
प्रधानमंत्री ऑफिस ने कहा कि PM मोदी ने इस क्षेत्र में न्यायपूर्ण और टिकाऊ शांति की कोशिशों के लिए भारत के सपोर्ट को फिर से कन्फर्म किया, जिसमें गाजा पीस प्लान को जल्द लागू करना भी शामिल है।
आतंकवाद की कड़ी निंदा की
प्रेस रिलीज में कहा गया कि PM मोदी और उनके इजरायली काउंटरपार्ट ने भारत-इजरायल स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप में लगातार रफ्तार पर संतोष जताया और आपसी फायदे के लिए इन रिश्तों को और मजबूत करने के अपने कमिटमेंट को फिर से कन्फर्म किया। इसमें आगे कहा गया कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति अपने जीरो-टॉलरेंस अप्रोच को दोहराया।
Advertisement
दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया की स्थिति पर भी विचार शेयर किए। नोट के आखिर में कहा गया कि दोनों नेता संपर्क में रहने पर सहमत हुए। यह US प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के गाजा पर हमास के राज को खत्म करने के बड़े विजन के बीच आया है।
गाजा के लिए ट्रंप का प्लान
U.S. प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप का 20-पॉइंट प्लान, जिसे U.N. सिक्योरिटी काउंसिल ने मंजूरी दी थी, गाजा पर हमास के राज को खत्म करने के लिए एक बड़ा विजन दिखाता है। अगर यह सफल रहा, तो इसमें इंटरनेशनल सुपरविजन में डीमिलिटराइज्ड गाजा को फिर से बनाया जाएगा, इजरायल और अरब दुनिया के बीच रिश्ते नॉर्मल होंगे और फिलिस्तीनी आजादी का एक मुमकिन रास्ता बनेगा।
Advertisement
ट्रंप के प्लान में एक इंटरनेशनल फोर्स बनाने की बात कही गई है, जिसे इंटरनेशनल स्टेबिलाइजेशन फोर्स के नाम से जाना जाता है, ताकि सिक्योरिटी बनाए रखी जा सके और फिलिस्तीनी पुलिस को ट्रेनिंग दी जा सके ताकि एक दिन वे कंट्रोल कर सकें। वह फोर्स अभी तक नहीं बनी है, और डिप्लॉयमेंट की तारीख भी अनाउंस नहीं की गई है।
कुछ देशों, जिनमें मिस्र, तुर्की, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और इंडोनेशिया शामिल हैं, ने हिस्सा लेने की इच्छा जताई है। लेकिन कोई पक्का फैसला नहीं लिया गया है।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 11 December 2025 at 06:20 IST