अपडेटेड 13 August 2025 at 19:20 IST
ट्रंप की 'ट्रैरिफ स्ट्राइक' के बाद PM मोदी का क्या होगा मास्टर स्ट्रोक? पुतिन के भारत दौरे से पहले रूस जाकर जयशंकर करेंगे पिच तैयार!
Jaishankar Visit to Russia: रूसी विदेश मंत्रालय ने कन्फर्म किया है कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ उच्च स्तरीय वार्ता करने के लिए 20-21 अगस्त को मॉस्को का दौरा करेंगे।
- भारत
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Jaishankar Visit to Russia: रूसी विदेश मंत्रालय ने कन्फर्म किया है कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ उच्च स्तरीय वार्ता करने के लिए 20-21 अगस्त को मॉस्को का दौरा करेंगे। दोनों मंत्रियों के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मामलों और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग पर चर्चा होने की उम्मीद है।
यह यात्रा ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हो रही है, जब अमेरिका ने भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल के निरंतर आयात के जवाब में भारतीय निर्यात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। नए शुल्क, जो मौजूदा दर को दोगुना करके 50% कर देंगे, 27 अगस्त से लागू होंगे।
रूस के साथ 'दोस्ती' बढ़ा रहा भारत
अमेरिका के बढ़ते दबाव के बीच भारत रूस के साथ अपने संबंधों को और मजबूत कर रहा है। पिछले हफ्ते ही, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मास्को का दौरा किया और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की। डोभाल ने ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग की समीक्षा के लिए रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु से भी मुलाकात की। अपनी यात्रा के दौरान, डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन की इस साल के अंत में होने वाली भारत यात्रा की तैयारियों पर चर्चा की।
डोभाल की यात्रा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बातचीत की। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मेरे मित्र, राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत अच्छी और विस्तृत बातचीत हुई। हमने भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।"
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रूसी तेल आयात पर भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने रूस से तेल खरीद को राष्ट्रीय हित और ऊर्जा सुरक्षा का मुद्दा बताते हुए इसका बचाव किया है। 2022 से भारत ने रियायती दरों पर रूसी कच्चे तेल के आयात में वृद्धि की है। रूस अब भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है, जिसका वित्त वर्ष 2025 में कुल कच्चे तेल आयात में 35.1% हिस्सा था, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह केवल 1.7% था।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "भारत का ऊर्जा आयात आर्थिक आवश्यकता का विषय है, जो यूक्रेन संघर्ष के बाद वैश्विक बाजार में आए बदलावों से प्रेरित है। वास्तव में, अमेरिका ने ङी वैश्विक ऊर्जा बाजारों को स्थिर करने में मदद के लिए ऐसे आयातों को प्रोत्साहित किया था।" इसके बावजूद, बढ़ते व्यापार तनाव को दर्शाते हुए अमेरिका ने अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। भारत ने इस कदम पर चिंता व्यक्त की है, खासकर जब वह रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति और संवाद की वकालत करता रहता है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "भारत ने रूस और यूक्रेन से बातचीत करने और संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान किया है, जो अब अपने चौथे साल में प्रवेश कर रहा है।"
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अपनी मॉस्को यात्रा के दौरान जयशंकर 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए लावरोव के साथ मिलकर काम करेंगे और ऊर्जा, रक्षा और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग पर आगे चर्चा करेंगे।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 13 August 2025 at 19:20 IST