अपडेटेड 28 September 2025 at 08:11 IST
आतंकवाद का गढ़ है पाकिस्तान... UN में जयशंकर ने पहलगाम हमले का जिक्र कर खूब धोया, तालियों से गूंज उठी महासभा
न्यूयॉर्क में चल रही 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को सीधे-सीधे आड़े हाथों लिया।
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80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए उसे ‘‘वैश्विक आतंकवाद का केंद्र’’ बताया और भारत के खिलाफ दशकों से हो रहे आतंकवादी हमलों के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया।
आपको बता दें कि अप्रैल में हुए पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि दक्षिण एशिया की अस्थिरता का जड़ केवल आतंकवाद है, जिसका सबसे बड़ा गढ़ पाकिस्तान है।
"दशकों से आतंकवादी हमलों के पीछे इसी एक देश का हाथ"
उन्होंने कहा, "आतंकवाद का मुकाबला करना एक विशेष प्राथमिकता है क्योंकि इसमें कट्टरता, हिंसा, असहिष्णुता और भय का समावेश होता है। भारत आजादी के बाद से ही इस चुनौती का सामना कर रहा है, क्योंकि उसका पड़ोसी वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है। दशकों से बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों के पीछे इसी एक देश का हाथ होता है।"
पहलगाम हमले का जिक्र
पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए, जयशंकर ने "इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या" का जिक्र किया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। उन्होंने आगे कहा, "भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और इसके आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया।"
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पाकिस्तान का स्पष्ट संदर्भ देते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "जब राष्ट्र खुलेआम आतंकवाद को राज्य की नीति घोषित करते हैं, जब आतंकवादी अड्डे औद्योगिक पैमाने पर संचालित होते हैं, जब आतंकवादियों का सार्वजनिक रूप से महिमामंडन किया जाता है, तो ऐसी कार्रवाइयों की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए। प्रमुख आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाते हुए भी आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक लगाई जानी चाहिए। पूरे आतंकवाद पारिस्थितिकी तंत्र पर निरंतर दबाव डाला जाना चाहिए। जो लोग आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों का समर्थन करते हैं, उन्हें ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।"
जयशंकर ने 2030 के सतत विकास लक्ष्यों की धीमी प्रगति, महामारी के दौरान टीकों की पहुंच में असमानताओं और संयुक्त राष्ट्र में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी, दोनों सदस्यताओं के विस्तार का आह्वान किया और कहा कि भारत "अधिक जिम्मेदारियां संभालने के लिए तैयार है।"
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संघर्षों के संदर्भ में उन्होंने यूक्रेन और गाजा में युद्ध समाप्त करने का आग्रह किया और कहा कि सभी पक्षों से जुड़ने में सक्षम राष्ट्रों को समाधान खोजने में तेजी लानी चाहिए।
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 28 September 2025 at 07:52 IST