अपडेटेड 2 July 2024 at 21:54 IST
लाशों के बीच चिल्लाती मां, अस्पतालों में व्यवस्थाएं नदारद... कब मिलेगा हाथरस जैसी चीखों को आराम?
Hathras News: हाथरस की भगदड़ में 100 से अधिक लोगों की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
- भारत
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Hathras News: हाथरस की भगदड़ में 100 से अधिक लोगों की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, दूसरी ओर ये भी जानकारी मिल रही है कि जिन-जिन अस्पतालों में भारी संख्या में घायलों को ले जाया गया, वहां मरीजों के इलाज के लिए संसाधनों तक की कमी थी। सवाल ये भी है कि क्या हाथरस की भगदड़ में ऐसे भी लोग थे, जिन्होंने अस्पताल में आखिरी सांस ली और क्या उन लोगों को बचाया जा सकता था?
कई सवालों के जवाब अब भी नदारद
हाथरस कांड में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि जिन अस्पतालों में घायलों को ले जाया गया, वहां इतनी भारी संख्या में लोगों का इलाज नहीं हो सकता था। सोशल मीडिया पर वीडियोज भी वायरल हो रहे हैं जहां लाशों से अटे पड़े अस्पतालों को देखा जा सकता है। लाशों के बीच चीखती-चिल्लाती मां को देखा जा सकता है। इतनी मौत, इतनी लाशों ने पुलिस प्रशासन की क्षमता पर तो सवाल खड़े किए ही, साथ ही हमारा ध्यान अस्पतालों की व्यवस्था की ओर भी खींचा।
आपको बता दें कि देशभर में कहीं भी कोई भी दुर्घटना होती है, तो इलाज के लिए लोगों को सरकारी अस्पताल में ही ले जाया जाता है। ऐसे में अगर सरकारी अस्पतालों की क्षमता और उनके संसाधन कमजोर हों तो घायलों की संख्या मृतकों की संख्या को बढ़ाती चली जाती हैं। ऐसे में किसे इसका जिम्मेदार ठहराया जाए?
बेसिक सुविधाएं न हों तो मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा?
क्या हर मौत पर केवल अनुग्रह राशि का ऐलान कर देना काफी है? जब भी किसी हादसे में मौतें होती हैं या लोग घायल होते हैं तो सरकार की तरफ से अनुग्रह राशि की घोषणा कर दी जाती है। क्या अनुग्रह राशि मौतों की भरपाई कर देगी या उन लोगों को बचाने की जिम्मेदारी भी तय करनी जरूरी है? ये जिम्मेदारी कैसे तय होगी, ये सवाल बड़ा या आसान है, इसको कई नजरिए से देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ खुद पूरे मामले की सीधी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। अब प्रशासन इस पूरे मामले में बड़े एक्शन की तैयारी कर रहा है। पूरी घटना के जांच के लिए एक टीम बनाई गई है, जो 24 घंटे के अंदर घटना के कारणों की जांच कर सीएम योगी को रिपोर्ट देगी। अब इस मामले में किस तरह का एक्शन लिया जाएगा, ये तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल, सवाल उन चीखों का है, जिसे अनुग्रह राशि या किसी भी तरह का एक्शन आराम देने की क्षमता नहीं रखता।
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 2 July 2024 at 21:50 IST