अपडेटेड 6 September 2025 at 17:50 IST

सहारा ग्रुप के खिलाफ ED का बड़ा एक्शन, 1.74 लाख करोड़ के घोटाले में दाखिल हुई चार्जशीट, सुब्रत रॉय की पत्नी और बेटा मुख्य आरोपी

कोलकाता स्थित धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) अदालत में दायर यह चार्जशीट कथित तौर पर 1.74 लाख करोड़ रुपये के एक बड़े वित्तीय घोटाले से संबंधित है।

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Subrata Roy
Subrata Roy | Image: ANI

सहारा समूह की वित्तीय अनियमितताओं की चल रही जांच मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सहारा इंडिया, इसके संस्थापक सुब्रत रॉय, उनके परिवार के सदस्यों और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है। कोलकाता स्थित धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) अदालत में दायर यह चार्जशीट कथित तौर पर 1.74 लाख करोड़ रुपये के एक बड़े वित्तीय घोटाले से संबंधित है।

1.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी

चार्जशीट में सहारा इंडिया और उसके सहयोगियों पर लाखों निवेशकों के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है। अपने निवेशकों को हाई रिटर्न का वादा करने वाली इस कंपनी ने कथित तौर पर करोड़ों लोगों से पैसे लिए, लेकिन वादा की गई राशि वापस नहीं की। चार्जशीट में जिन लोगों के नाम हैं, उनमें सुब्रत रॉय की पत्नी सपना रॉय, उनके बेटे सुशांतो रॉय और जेपी वर्मा और अनिल अब्राहम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इन लोगों पर धोखाधड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है।

सुब्रत रॉय के बेटे को भगोड़ा घोषित किया गया

एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब प्रवर्तन निदेशालय ने घोटाले के सिलसिले में सुब्रत रॉय के बेटे सुशांतो रॉय को भगोड़ा घोषित कर दिया। ईडी द्वारा कई समन और पूछताछ के प्रयासों के बावजूद, सुशांतो रॉय कथित तौर पर पेश नहीं हुए। नतीजतन, ईडी उन्हें अदालत में पेश होने के लिए मजबूर करने के लिए उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने की कोशिश कर रहा है। अधिकारियों से उनकी बच निकलने की प्रवृत्ति ने चिंताएं बढ़ा दी हैं, क्योंकि वे जांच में प्रमुख व्यक्तियों में से एक हैं।

ईडी की जांच से पता चला है कि सहारा समूह ने कथित तौर पर 1.74 लाख करोड़ रुपये की भारी रकम का गबन किया है। घोटाले के बड़े पैमाने और सुब्रत रॉय और उनके परिवार के सदस्यों सहित कंपनी से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों की संलिप्तता के कारण इस मामले ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया है।

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ईडी के तलाशी अभियान और संपत्ति कुर्क

प्रवर्तन निदेशालय ने जुलाई और अगस्त 2025 में कई शहरों में व्यापक तलाशी अभियान चलाए हैं। ये छापे सहारा समूह से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं की जांच का हिस्सा थे। अपनी कार्रवाई के तहत, ईडी ने 707 एकड़ जमीन सहित महत्वपूर्ण संपत्तियां भी कुर्क की हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे सहारा समूह द्वारा अर्जित आपराधिक आय हैं।

समूह को एक और झटका देते हुए ईडी ने पीएमएलए के तहत सहारा संस्थाओं के खिलाफ 500 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की हैं। कई आरोप वित्तीय कदाचार की व्यापक प्रकृति और इस घोटाले के व्यापक प्रभाव को उजागर करते हैं, जो अब भारत के इतिहास में सबसे बड़े घोटालों में से एक बन गया है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 6 September 2025 at 17:43 IST