अपडेटेड 6 August 2025 at 23:37 IST

EXPLAINER/ Trump Tariff: भारत-रूस दोस्ती से बौखलाए डोनाल्ड ट्रंप ने थोपा 50 फीसदी टैरिफ, लागू होता है तो भारत पर क्या होगा असर?

Trump Tariff: अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस फैसले का असर भारत-अमेरिका के कूटनीतिक संबंधों पर भी पड़ेगा। पिछले सालों में भारत-अमेरिका के संबंध काफी बेहतर हुए थे, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप इन रिश्तों को खराब करने पर तुले हैं।

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Donald Trump-PM Modi
डोनाल्ड ट्रंप-पीएम मोदी | Image: AP/ANI

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। भारत सरकार ने अपने बयान में इस फैसले की आलोचना की है। वहीं, अमेरिकी मीडिया में बताया जा रहा है कि अगर ये टैरिफ लागू होते हैं तो भारत के 64 अरब डॉलर के निर्यात पर बुरा असर पड़ सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति के एक्स्ट्रा टैरिफ के ऐलान से एक बात तो साफ है कि डोनाल्ड ट्रंप को भारत-रूस की दोस्ती बर्दाश्त नहीं हो पा रही। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि अमेरिका खुद रूस से व्यापार करता है। इसके अलावा चीन और बाकी देश भी रूस से व्यापार करते हैं, लेकिन ट्रंप को भारत से ज्यादा दिक्कत हो रही है, जिसके कारण भारत पर सबसे अधिक टैरिफ का ऐलान किया गया है।

कूटनीतिक रूप से चुनौतीपूर्ण

अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस फैसले का असर भारत-अमेरिका के कूटनीतिक संबंधों पर भी पड़ेगा। पिछले सालों में भारत-अमेरिका के संबंध काफी बेहतर हुए थे, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप इन रिश्तों को खराब करने पर तुले हैं। पहले 25 प्रतिशत टैरिफ से भी नुकसान के संकेत मिल रहे थे, लेकिन अब 50 प्रतिशत टैरिफ से नुकसान का अनुमान और भी ज्यादा हो जाएगा।

क्या भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर?

जानकारों की मानें तो इस वक्त भारत की इकोनॉमी 4 ट्रिलियन डॉलर की है। इसमें निर्यात का असर सीमित है। हालांकि, अगर आंकड़ों की बात करें तो इस टैरिफ से भारत की GDP पर 40 बेसिस प्वॉइंट्स का असर पड़ सकता है। RBI ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में GDP ग्रोथ को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। चाहे जो भी हो, इस तरह के टैरिफ से किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर कुछ असर तो पड़ ही सकता है।

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किन सेक्टरों पर पड़ेगा असर?

इंजीनियरिंग गुड्स पर करीब 3 अरब का नुकसान हो सकता है, तो वहीं ऑटो कंपोनेंट्स और मशीनरी की मांग भी अमेरिकी मार्केट में घट सकती है। जेम्स एंड ज्वैलरी, डायमंड और पॉलिशिंग हब, रेडी-मेड गारमेंट्स पर भी करीब 1 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईफोन प्रोडक्शन, तेल और रिफाइनरी पर भी इसका असर पड़ेगा।

रूस से सस्ता तेल खरीदने पर पेनाल्टी लगाई जाएगी, जिसके कारण रिलायंस और IOCL कंपनियों पर भी दबाव बढ़ेगा। इसके अलावा मिडिल ईस्ट से तेल आयात करने पर उसकी लागत करीब 5-10 अरब तक बढ़ जाएगी।

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फार्मा, आईटी और सर्विसेज, सेमीकंडक्टर पर असर कम पड़ेगा, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बढ़ने की आशंका है।

नुकसान घटाने की क्या रणनीति हो सकती है?

भारत को अपना सामान बेचने के लिए दूसरे मार्केट की तलाश करनी होगी। नए बाजारों में यूरोप, लैटिन अमेरिकी, कनाडा और मिडिल ईस्ट पर फोकस किया जा सकता है। टेक्सटाइल्स और एक्सेसरीज के जरिए अमेरिकी मार्केट में टिके रहने की भी रणनीति बनाई जा सकती है। इसके अलावा, अमेरिका में ही कुछ प्रोडक्ट्स का उत्पादन करके टैरिफ को बचाया जा सकता है।

टैरिफ की जियोपॉलिटिक्स

ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है और इससे उन्हें दिक्कत है, जिसकी वजह से भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ ठोका जा रहा है। आपको बता दें कि ट्रंप की लिबरेशन डे नीति के तहत करीब 95 देशों पर अमेरिका ने टैरिफ लगाए हैं। अगर हम तुलना करें तो भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है, जो वियतनाम के 20 प्रतिशत, जापान के 15 प्रतिशत और कोरिया के 15 प्रतिशत से कहीं ज्यादा है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि ट्रंप को भारत से कितनी दिक्कत हो रही है।

इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA अजीत डोभाल लगातार रूस और अमेरिका के संपर्क में हैं। ऐसे में समय रहते इस पर बात बन सकती है और टैरिफ को कम किया जा सकता है। हम चीन की स्थिति को भी देख सकते हैं, जिसमें पहले उसपर 145 प्रतिशत टैरिफ ठोका गया था, लेकिन फिर कुछ बैठकों के बाद उसके टैरिफ को घटा दिया गया और कुछ दिनों की राहत भी दी गई। भारत के साथ भी ऐसा किया जा सकता है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 6 August 2025 at 23:31 IST