अपडेटेड 9 August 2024 at 12:19 IST
मनीष सिसोदिया को मिली जमानत, रो पड़ीं दिल्ली की मंत्री आतिशी; पानी की घूंट पीकर बोलीं- आज का दिन...
मनीष सिसोदिया की जमानत पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि उन्हें एक झूठे केस में फंसाकर जेल में रखा गया। आज का दिन भारत की शिक्षा क्रांति के इतिहास में दर्ज होगा।
- भारत
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Delhi Minister Atishi: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत मिल गई है और इसी के साथ उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। पहले नंबर पर अरविंद केजरीवाल के बाद सिसोदिया की आम आदमी पार्टी में नंबर-2 की हैसियत रही है। फिलहाल केजरीवाल जेल में हैं और अभी सिसोदिया को जमानत दे दी गई है। आम आदमी पार्टी के नेता इसे सत्य की जीत बता रहे हैं। दिल्ली की मंत्री और AAP नेता आतिशी इस बीच मनीष सिसोदिया का जिक्र करते हुए भावुक हो गईं।
मनीष सिसोदिया की जमानत पर दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, 'एक झूठे केस में फंसाकर जेल में रखा गया। आज का दिन भारत के इतिहास में, भारत की शिक्षा क्रांति के इतिहास में दर्ज होगा।' ये कहते हुए आतिशी की आंखों में आंसू आ गए। थोड़ी देर चुप रहने के बाद और फिर पानी का घूंट पीकर आतिशी ने अपनी बात को आगे बढ़ाया।
आतिशी ने सिसोदिया को शिक्षा क्रांति का जनक बताया
उन्होंने कहा, 'आज मनीष सिसोदिया को जमानत मिली है। आज सत्य की जीत हुई है, दिल्ली के छात्रों की जीत हुई है...उन्हें इसलिए जेल में डाला गया क्योंकि उन्होंने गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा दी। आज सच्चाई की जीत हुई, शिक्षा की जीत हुई। मनीष सिसोदिया ने जिस स्कूल का शिलान्यास हुआ था, आज उसी स्कूल का उद्घाटन हो रहा है।' इस दौरान आतिशी ने सिसोदिया को शिक्षा क्रांति का जनक बताया।
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डेढ़ साल बाद जेल से बाहर आएंगे सिसोदिया
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाला केस में सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से हिरासत में हैं। मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है, लेकिन सिसोदिया को 10 लाख के बेल बॉन्ड और दो श्योरिटी जमा करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनीश सिसोदिया की जमानत के मामले में ट्रायल में देरी को मुख्य आधार बताया। सुप्रीम कोर्ट ने लंबे समय तक प्री-ट्रायल हिरासत को गंभीरता से लिया और कहा कि जमानत एक नियम है, जबकि जेल एक अपवाद है। अदालत ने कहा कि हमने लंबे समय तक कैद रखने पर विचार किया। ट्रायल निकट भविष्य में खत्म नहीं होगा। अपीलकर्ता को ट्रायल कोर्ट में वापस भेजना उसके साथ सांप-सीढ़ी का खेल खेलने जैसा होगा। किसी व्यक्ति को एक जगह से दूसरी जगह भागने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।
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अदालत ने ये भी टिप्पणी की कि मनीष को लंबे समय से जेल में रखा गया है। बिना सजा के किसी को इतने लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है। अदालत में जांच एजेंसियों ED और CBI की तरफ से मांग की गई कि जमानत के बाद सिसोदिया सीएम ऑफिस ना जाए। इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 9 August 2024 at 12:19 IST