अपडेटेड 9 August 2024 at 11:51 IST

डेढ़ साल बाद जेल से बाहर आएंगे मनीष सिसोदिया... SC के फैसले के बाद क्या रहेगा आगे प्रोसेस, समझिए

मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल के गेट नंबर 3 से निकल सकते हैं। वो तिहाड़ की जेल नंबर 1 में बंद है। जेल नंबर 1 में बंद कैदी जेल के गेट नंबर 3 से बाहर निकलते हैं।

Follow : Google News Icon  
AAP leader Manish Sisodia
AAP leader Manish Sisodia | Image: ANI

Manish Sisodia: मनीष सिसोदिया तकरीबन डेढ़ साल के बाहर जेल से बाहर आएंगे। आम आदमी पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है। ये आदेश न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनाया। अदालत ने पासपोर्ट जमा करने और गवाहों को प्रभावित ना करने समेत कई शर्तें भी लगाईं हैं। शीर्ष अदालत सिसोदिया की उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जहां ED और CBI के मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।

सिसोदिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। तकरीबन डेढ़ साल उन्हें तिहाड़ जेल में बीत गए हैं। फिलहाल जमानत मिलने पर उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक, उन्हें बेल ऑर्डर मिलने के समय पर निर्भर करेगा कि मनीष सिसोदिया कितने बजे तक जेल से बाहर आ पाएंगे। तिहाड़ सूत्रों के मुताबिक, मनीष सिसोदिया जेल के गेट नंबर 3 से निकल सकते हैं। वो तिहाड़ की जेल नंबर 1 में बंद है। जेल नंबर 1 में बंद कैदी जेल के गेट नंबर 3 से बाहर निकलते हैं। ऐसे में अगर सुरक्षा का कोई मसला हुआ तो किसी और गेट से निकाला जा सकता है।

सिसोदिया को बेल मिलने के बाद का प्रोसेस

  • सुप्रीम कोर्ट से बेल ऑर्डर पहले राउज एवेन्यू कोर्ट जाएगा।
  • राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत की राशि भरी जाएगी।
  • राउज एवेन्यू कोर्ट से बेल ऑर्डर तिहाड़ जाएगा।
  • उसके बाद तिहाड़ जेल में कागजी कार्यवाही पूरी होगी और फिर रिहाई होगी।

यह भी पढ़ें: सिसोदिया को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत; भरना होगा 10 लाख का बेल बॉन्ड

मनीष सिसोदिया पर क्या आरोप हैं?

सीबीआई के अनुसार, सिसोदिया ने आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वो साजिश के उद्देश्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए नीति को बनाने और इसे लागू में गहराई से शामिल थे। एजेंसियों ने दावा किया था कि सिसोदिया ने मामले में सबूत मिटाए थे। इस बात के भी सबूत हैं कि उन्होंने फोन रिकॉर्ड नष्ट कर दिए थे।

Advertisement

ये भी समझना होगा कि जब दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति बनाई थी, तब मनीष सिसोदिया ही उस विभाग को संभाल रहे थे। 26 फरवरी को सीबीआई ने सिसोदिया को तथाकथित शराब घोटाला केस में गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। बाद में उन्हें मार्च 2023 में शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।

क्या है दिल्ला का शराब घोटाला?

नवंबर 2021 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति बनाई थी। नई आबकारी नीति से दिल्ली का शराब कारोबार निजी हाथों में चला गया था। इस नई नीति के तहत दिल्ली के 32 जोन में 849 दुकानें खुलनी थीं। हर जोन में 27 दुकानें खोलने की बात कही गई थी। दिल्ली सरकार ने इस पॉलिसी के पीछे तर्क ये दिया था कि नई नीति से माफिया राज खत्म होगा और और सरकार के राजस्व में बढ़ावा होगा। दिल्ली में बोतल पर एक बोतल फ्री भी मिलने लगी थी। काफी दिनों तक ये सिलसिला चला था।

Advertisement

एक साल से भी कम समय बाद जुलाई 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को नीति में उल्लंघन की सूचना दी थी। बाद में उपराज्यपाल ने नई आबकारी नीति की जांच CBI से कराने की सिफारिश की। CBI ने इस मामले में अगस्त 2022 में केस दर्ज किया था। इसके बाद 23 अगस्त 2022 को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। शराब घोटाला मामले में पहली गिरफ्तारी सितंबर 2022 में विजय नायर के रूप में हुई थी।

25 नवंबर 2022 को सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थीं। मामले में सीबीआई ने बड़ा एक्शन 26 फरवरी 2023 को लिया था, जबकि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की गई। बाद में ईडी ने सिसोदिया को अरेस्ट कर लिया था। अप्रैल 2023 में केजरीवाल से सीबीआई की पूछताछ की थी। 4 अक्टूबर 2023 को संजय सिंह गिरफ्तार किए थे। 15 मार्च 2024 को BRS नेता के कविता को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। 21 मार्च 2024 को सबसे बड़ी गिरफ्तारी के रूप में केजरीवाल पकड़े गए थे।

यह भी पढ़ें: संजय सिंह बोले- 'सच की जीत हुई', 17 महीने बाद बाहर आएंगे मनीष

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 9 August 2024 at 11:51 IST