अपडेटेड 9 August 2024 at 11:15 IST
मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत; भरना होगा 10 लाख का बेल बॉन्ड
Manish Sisodia Bail: AAP नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाला केस में सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से हिरासत में हैं।
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AAP leader Manish Sisodia Bail: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाला केस में सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से हिरासत में हैं। मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है, लेकिन सिसोदिया को 10 लाख के बेल बॉन्ड और दो श्योरिटी जमा करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनीश सिसोदिया की जमानत के मामले में ट्रायल में देरी को मुख्य आधार बताया। सुप्रीम कोर्ट ने लंबे समय तक प्री-ट्रायल हिरासत को गंभीरता से लिया और कहा कि जमानत एक नियम है, जबकि जेल एक अपवाद है। अदालत ने कहा कि हमने लंबे समय तक कैद रखने पर विचार किया। ट्रायल निकट भविष्य में खत्म नहीं होगा। अपीलकर्ता को ट्रायल कोर्ट में वापस भेजना उसके साथ सांप-सीढ़ी का खेल खेलने जैसा होगा। किसी व्यक्ति को एक जगह से दूसरी जगह भागने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।
'निचली अदालत ने राइट टू स्पीड ट्रायल को अनदेखा किया'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने राइट टू स्पीड ट्रायल को अनदेखा किया और मेरिट के आधार पर जमानत नहीं दी थी। इस मामले में ट्रिपल टेस्ट आड़े नहीं आएगा, क्योंकि यहां मामला ट्रायल के शुरू होने में देरी को लेकर है। देरी के आधार पर जमानत की बात हमने पिछले साल अक्टूबर के आदेश में कही थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ED की तरफ से कहा गया कि मामले में अलग-अलग आरोपी की तरफ से कई याचिकाएं दाखिल की गईं। वहीं मनीष ने जो अर्जियां दाखिल की हैं, उसमें ज्यादातर अपनी पत्नी से मिलने या फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए थीं। सीबीआई मामले में 13 और ED मामले में 14 अर्जियां दाखिल की गई थी। ये सभी अर्जियां निचली अदालत ने मंजूर की थीं। निचली अदालत ने अपने आदेश में जो कहा था कि मनीष की अर्जियों की वजह से ट्रायल शुरू होने में देरी हुई, वो सही नहीं है। हम इस बात से सहमत नहीं कि अर्जियों की वजह से ट्रायल में देरी हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट और निचली अदालत ने इन तथ्यों को अनदेखा किया।
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'बिना सजा किसी को लंबे समय जेल में नहीं रखा जा सकता'
अदालत ने ये भी टिप्पणी की कि मनीष को लंबे समय से जेल में रखा गया है। बिना सजा के किसी को इतने लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है। अदालत में जांच एजेंसियों ED और CBI की तरफ से मांग की गई कि जमानत के बाद सिसोदिया सीएम ऑफिस ना जाए। इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 9 August 2024 at 10:56 IST