अपडेटेड 3 July 2024 at 17:44 IST
'मां की बॉडी तक नहीं मिली...', हाथरस की भगदड़ में मां-पत्नी और बच्ची को खोने वाले शख्स की आपबीती
Hathras: भक्ति धुन में लीन उत्तर प्रदेश के हाथरस के श्रद्धालुओं को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि प्रार्थना सभा में उन्हें किस विपत्ति का सामना करना पड़ेगा।
- भारत
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Hathras: भक्ति धुन में लीन उत्तर प्रदेश के हाथरस के भक्तों को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि स्वयंभू बाबा भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि द्वारा आयोजित प्रार्थना सभा में उन्हें किस विपत्ति का सामना करना पड़ेगा। विनोद, एक आम आदमी, जिसने 'सत्संग' में अपना सब कुछ खो दिया था, के पास हाथरस भगदड़ में अपनी पत्नी, मां और 16 वर्षीय बेटी की मौत पर दुख व्यक्त करने के अलावा कुछ नहीं बचा था। हालात ऐसे थे कि विनोद को अपनी मां का शव भी नहीं मिल सका।
विनोद की आपबीती ने झकझोरा
विनोद ने कहा- 'मुझे पता ही नहीं चला कि ये तीनों सत्संग में गए थे क्योंकि मैं कहीं बाहर गया था। किसी ने मुझे बताया कि सत्संग में भगदड़ मच गई है जिसके बाद मैं मौके पर पहुंचा तो पता चला कि मेरी 16 साल की बेटी, मां और पत्नी की मौत हो गई है। मुझे अपनी मां का शव भी नहीं मिला।'
विनोद की तरह, हाथरस त्रासदी की एक और 16 वर्षीय पीड़िता की मां ने खुद को अपनी बेटी रोशनी की मौत पर रोते हुए पाया। कमला ने अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा कि सब कुछ डरावना था। उसने कहा- 'मैं 20 साल से बाबा के सत्संग में आ रही हूं। आज मैं अपनी 16 साल की बेटी के साथ सत्संग में शामिल होने गई थी और दोपहर करीब 2 बजे भगदड़ मच गयी। मैं और मेरी बेटी मामूली रूप से घायल हो गए। वह ठीक थी लेकिन अस्पताल पहुंचते ही वह बेहोश हो गई, बाद में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।'
एक अन्य कुंवर पाल, जो मृत 3.5 वर्षीय बच्चे के चाचा हैं, ने कहा, "बच्चा अपनी मां के साथ यहां आया था...उसकी मां अभी भी लापता है...हम अलीगढ़ के निवासी हैं।"
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इस बीच, मृतक गुड़िया देवी के पति महताब ने कहा, "मैंने उसे कई बार बाबा के सत्संग में जाने से रोका लेकिन वह नहीं मानी। वह हमारी बेटी और दो पड़ोसी महिलाओं के साथ सत्संग के लिए आई थी। दोनों पड़ोसी महिलाएं और मेरी पत्नी की इस घटना में मौत हो गई...मेरी बेटी सुरक्षित है।"
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 3 July 2024 at 16:39 IST