Updated May 10th, 2024 at 08:05 IST
सज गया बाबा का दरबार, खुल गए केदारनाथ-यमुनोत्री के कपाट, उमड़ा भक्तों का सैलाब
शिव भक्तों का लंबा इंतजार खत्म हुआ। उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ और यमनोत्री के कपाट शुक्रवार, 10 मई को खुल गए और इसके साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा की शुरुआत
- देश
- 3 मिनट रीड
Advertisement
शिव भक्तों का लंबा इंतजार खत्म हुआ। उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ और यमनोत्री के कपाट शुक्रवार, 10 मई को खुल गए और इसके साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा की शुरुआत भी हो गई। ऐसे में देश-दुनिया से बाबा के दर्शन के लिए आए भक्तों की खुशी की ठिकाना नहीं है। तय मुहूर्त के अनुसार अक्षय तृतीया के मौके धार्मिक परंपरा के अनुसार मंदिर के कपाट खोले गए।
केदारनाथ और यमनोत्री के कपाट विधि-विधान और धार्मिक परंपरा के अनुसार केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग, प्रशासन, बीकेटीसी अधिकारी और हक-हकूधारियों के साथ स्थानीय लोगों, श्रद्धालुओं की मौजूदगी में खोले गए इसके बाद गर्भ गृह का द्वार खोला गया। गर्भ गृह में मंदिर के मुख्य पुजारियों ने पूजा अर्चना की। इसके बाद भक्तों का बाबा केदार का दर्शन करने का सिलसिला शुरू हो गया। पहले दिन कपाट खुलने से लेकर शाम 5 बजे तक दर्शन कर पाएंगे।
Advertisement
चार धाम यात्रा शुरू
इस मौके पर मंदिर को काफी भव्य तरीके से सजाया गया। पूरे मंदिर को फूलों से नहलाया दिया गया। करीब 20 क्विंटल फूलों से मंदिर को फुलों से सजाया गया है। बता दें कि उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट शीतकाल के दौरान छह माह बंद रहने के बाद शुक्रवार को अक्षय तृतीया के पर्व पर सुबह सात बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
Advertisement
केदारनाथ धाम के कपाट खुले
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट पूरे विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुल गए। मंदिर के कपाट खुलने के समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी पत्नी गीता धामी के साथ बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए मौजूद रहें।
Advertisement
छह माह तक चलेगी यात्रा
इस बीच, 4050 श्रद्धालुओं को लेकर 135 वाहन ऋषिकेश से चारधामों के लिए रवाना हुए। वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष चारधामों के दर्शन के लिए रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। हर साल गर्मियों में होने वाली चारधाम यात्रा के शुरू होने का स्थानीय जनता को भी इंतजार रहता है। छह माह तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु और पर्यटक जनता के रोजगार और आजीविका का साधन हैं तथा इसीलिए चारधाम यात्रा को गढवाल हिमालय की आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है।
यह भी पढ़ें: 'CM बनते ही पहले आतंकियों को छुड़ाने वाली फाइल पर की साइन', बोले योगी
Advertisement
Advertisement
Published May 10th, 2024 at 07:52 IST
आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.
अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।