अपडेटेड 18 November 2025 at 14:47 IST
Inside Story: करारी हार और रोहिणी के आरोपों के बाद बैकफुट पर थे तेजस्वी, तभी लालू ने संभाला मोर्चा; फिर ऐसे चुने गए विपक्ष के नेता
बिहार चुनाव में हार और रोहिणी के आरोपों के बाद तेजस्वी यादव का दिल टूट गया था और उन्होंने विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद लेने से इनकार कर दिया था।
- भारत
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बिहार चुनाव के नतीजे आने के बाद राजद पार्टी के नेता तेजस्वी यादव के सारे दावे फेल हो गए। उन्हें इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। दूसरी तरफ, उनकी बहन रोहिणी आचार्य ने भी उनपर कई आरोप लगाए हैं।
सूत्रों के अनुसार, चुनाव में हार और रोहिणी के आरोपों के बाद तेजस्वी यादव का दिल टूट गया था और उन्होंने विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद लेने से इनकार कर दिया था। हालांकि, उनके पिता लालू यादव के हस्तक्षेप के बाद तेजस्वी यादव को एक बार फिर विपक्ष का नेता चुना गया।
आइए जानते हैं इस बैठक की इनसाइड स्टोरी।
बैठक की इनसाइड स्टोरी
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, गठबंधन के चुनाव प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे तेजस्वी यादव ने बैठक के दौरान विपक्ष के नेता की भूमिका निभाने से इनकार करके सबको चौंका दिया। उन्होंने कथित तौर पर उपस्थित लोगों से कहा कि अगर जनादेश ने उन्हें विकल्प के तौर पर समर्थन नहीं दिया है, तो उनके लिए यह पद ग्रहण करना अनुचित होगा। इस दौरान कई विधायक चिंतित दिखे।
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मौजूद लोगों ने बताया कि माहौल तनावपूर्ण हो गया और नेताओं के बीच बेचैनी भरी नजरों के बीच एक पल के लिए सन्नाटा छा गया। लगातार मिल रही असफलताओं और गठबंधन के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, इस इनकार ने पार्टी के भीतर अनिश्चितता को और बढ़ा दिया। जल्द ही कुछ विधायकों ने जोर देकर कहा कि राजद को फिर से संगठित होने के लिए एक मजबूत हाथ की जरूरत है और तेजस्वी यादव ही संगठन को एकजुट रखने में सक्षम एकमात्र व्यक्ति हैं।
बेचैनी को भांपते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने हस्तक्षेप किया। बातचीत के बीच में ही उन्होंने उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि तेजस्वी ने एक कठिन चुनाव अभियान के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश बनाए रखा था और इस मोड़ पर पीछे हटना गलत संकेत देगा। बताया जा रहा है कि उनके हस्तक्षेप से तनाव कम हुआ और धीरे-धीरे बैठक का माहौल बदल गया। इसके तुरंत बाद, नवनिर्वाचित राजद विधायकों ने तेजस्वी को अपना विधायक दल का नेता चुना। लालू प्रसाद के अलावा, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बड़ी बेटी और पार्टी सांसद मीसा भारती भी बैठक में शामिल हुईं। तेजस्वी के सहयोगी संजय यादव, जो लालू प्रसाद के परिवार में उथल-पुथल के केंद्र में हैं, भी बैठक में मौजूद थे।
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रोहिणी ने लगाए थे आरोप
रोहिणी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्ट कर लिखा था, 'कल मुझे गालियों के साथ बोला गया कि मैं गंदी हूं और मैंने अपने पिता को अपनी गंदी किडनी लगवा दी, करोड़ों रुपये लिए, टिकट लिया तब गंदी किडनी लगवाई। सभी बेटी-बहन, जो शादीशुदा हैं, उनको मैं बोलूंगी कि जब आपके मायके में कोई बेटा-भाई हो, तो भूल कर भी अपने भगवान रूपी पिता को नहीं बचाएं, अपने भाई, उस घर के बेटे को ही बोले कि वो अपनी या अपने किसी हरियाणवी दोस्त की किडनी लगवा दें।'
रोहिणी ने आगे कहा था, ‘सभी बहन-बेटियां अपना घर-परिवार देखें, अपने माता-पिता की परवाह किए बिना अपने बच्चे, अपना काम, अपना ससुराल देखें, सिर्फ अपने बारे में सोचें। मुझसे तो ये बड़ा गुनाह हो गया कि मैंने अपना परिवार, अपने तीनों बच्चों को नहीं देखा, किडनी देते वक्त न अपने पति, न अपने ससुराल से अनुमति ली। अपने भगवान, अपने पिता को बचाने के लिए वो कर दिया, जिसे आज गंदा बता दिया गया। आप सब मेरे जैसी गलती कभी ना करे, किसी घर रोहिणी जैसी बेटी ना हो।’
सूत्रों के अनुसार, एक विधायक ने बताया "रोहिणी के आरोपों के बाद तेजस्वी जी भावुक थे। उन्होंने हमें राजद विधायक दल का नेता किसी और को चुनने का विकल्प दिया था।" तेजस्वी ने पूछा, "क्या करें? मैं पार्टी देखूं या परिवार?" इसपर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद यादव ने अपने पार्टी नेताओं से कहा है कि वह अपने परिवार में चल रहे कलह से खुद निपटेंगे। सूत्रों के अनुसार, बैठक में लालू ने कहा, "यह एक आंतरिक पारिवारिक मामला है और इसे परिवार के भीतर ही सुलझा लिया जाएगा। मैं इससे निपटने के लिए मौजूद हूं।"
आपको बता दें कि इस बैठक में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर भी चर्चा हुई। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि बैठक में खासकर कम अंतर से हारी हुई सीटों पर विस्तार से चर्चा की गई।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 18 November 2025 at 14:47 IST