अपडेटेड 22 February 2025 at 12:03 IST
'दादी इंदिरा गांधी...', राजस्थान में इस बात पर इतना विवाद कि 6 विधायक निलंबित... विधानसभा में कांग्रेसियों ने काटी पूरी रात
राजस्थान विधानसभा में पूरा विवाद राज्यमंत्री अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी पर छिड़ा है, जो पिछले दिन सदन में बजट पर बोल रहे थे।
- भारत
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Rajasthan Vidhan Sabha: विधायकों के लिए बिस्तर लग गए, गद्दा-कबल बिछ गए और चादर-तकिए आ गए... पिछली रात राजस्थान विधानसभा का ये हाल रहा। इंदिरा गांधी को 'दादी' कह देने पर राजस्थान विधानसभा में महासंग्राम छिड़ा है। पिछले दिन स्थिति ऐसी बन गईं कि विधानसभा स्पीकर को कांग्रेस के छह विधायकों को निलंबित करना पड़ा गया। फिर आगे हुआ ये कि कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा को ही आशियाना बना लिया। पार्टी के तमाम नेताओं ने इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी पर विरोध जताते हुए पूरी रात विधानसभा के भीतर बिताई।
कांग्रेस विधायकों को तस्वीरों में विधानसभा के भीतर गद्दों पर सोते हुए देखा गया। यहां कांग्रेस विधायक कुछ गाते हुए भी नजर आए। एक महिला विधायक भी शामिल थी, जिन्होंने राजस्थान विधानसभा रात काटी। रात में कुछ विधायक विधानसभा के भीतर इधर उधर लेटते हुए दिखे तो कुछ विधायक सीट पर बैठे थे।
क्या है पूरा विवाद?
राजस्थान विधानसभा में पूरा विवाद राज्यमंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी को लेकर छिड़ा है, जो पिछले दिन सदन में बजट पर बोल रहे थे। राजस्थान के समाज कल्याण मंत्री अविनाश गहलोत ने कांग्रेस को घेरते हुए विधानसभा में कहा था, "2023-24 के बजट में भी हमेशा की तरह आपने योजना (कामकाजी महिलाओं के छात्रावास पर) का नाम अपनी 'दादी' इंदिरा गांधी के नाम पर रखा है।" इसी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस आगबबूला है। कांग्रेस सदन की कार्यवाही से टिप्पणी की हटाने की मांग पर अड़ी रही। जब 6 कांग्रेस विधायकों को हंगामे के चलते सदन से निलंबित कर दिया गया तो इससे विवाद और भी बढ़ गया। निलंबित विधायकों में गोविंद सिंह डोटासरा, विपक्ष के उपनेता रामकेश मीना, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत, हकीम अली खान और संजय कुमार हैं।
कांग्रेस के विधायक अपनी बात पर अड़े
विधानसभा में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि विपक्ष सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को हटाने की मांग कर रहा है, जबकि सरकार सिर्फ अपने मंत्रियों की गलतियों को छिपाना चाहती है। टीकाराम जूली कहते हैं- 'विधायक तैयार थे, हमने स्पीकर से बात की थी, लेकिन हमें वहां से कोई जवाब नहीं मिला। मुझे भी लगता है कि सरकार सिर्फ यह संदेश देना चाहती है कि विपक्ष सिर्फ विरोध और अवरोध कर रहा है, लेकिन हमारी तरफ से ऐसा कुछ नहीं है। विपक्ष सिर्फ ये मांग कर रहा है कि इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को वापस लिया जाए, जिस तरह से वो इसे मुद्दा बना रहे हैं और अपने मंत्रियों की गलतियों को छिपा रहे हैं।'
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विधानसभा में रात गुजारने को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली कहते हैं, 'विधानसभा में सभी समान हैं, हम सभी और विधानसभा अध्यक्ष का कर्तव्य है कि गरिमा बनाए रखें। अध्यक्ष महोदय उन टिप्पणियों को हटाने का आदेश दे सकते थे, लेकिन आप जानबूझकर विपक्ष को भड़का रहे हैं। हमें पूरी रात यहां बितानी पड़ी। राज्य के लोग सरकार की हठधर्मिता देख रहे हैं।'
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कांग्रेस के व्यवहार की बीजेपी ने की निंदा
उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने विधानसभा में हुए हंगामे को याद किया, जब राज्य के एक मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 'दादी' कहा था। उन्होंने विपक्ष की कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने कहा, 'ये घटना राज्य विधानसभा के अंदर हुई, हमारे मंत्री ने सम्मान के लिए 'दीदी' (पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के लिए) शब्द का इस्तेमाल किया। लेकिन विपक्ष ने इसे गलत तरीके से लिया। अध्यक्ष ने उनसे कहा कि उस हिस्से को हटा दिया जाएगा। इसके बाद भी विपक्ष ने उनकी बात नहीं सुनी और उन पर मौखिक हमला किया। ये निंदनीय है।'
राजस्थान के मंत्री जोगाराम पटेल ने भी राज्य के विपक्ष की निंदा की। वो कहते हैं- "समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि ये योजनाएं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लागू की गई थीं। उनका न तो कोई बयान गलत था और न ही उनका किसी का अपमान करने का इरादा था। किसी को 'दादी' कहना असंसदीय भाषा नहीं है। वो (कांग्रेस विधायक) भड़क गए और स्पीकर के डायस की ओर बढ़ गए। कांग्रेस पार्टी को इस गैरकानूनी कृत्य पर खेद व्यक्त करना चाहिए।"
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 22 February 2025 at 12:03 IST