अपडेटेड 12 December 2025 at 12:56 IST

लोकसभा ई-सिगरेट मामले में होगा एक्शन? अनुराग ठाकुर ने स्पीकर को दी लिखित शिकायत, कहा- पूरे भारत में 2019 से है बैन फिर...

संसद में बीते दिन अनुराग ठाकुर ने तृणमूल नेता का नाम लिए बिना ई-सिगरेट का मुद्दा उठाया था और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से इस उल्लंघन पर ध्यान देने की अपील की थी।

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Anurag Thakur
Anurag Thakur | Image: Sansad TV

संसद में बीते दिन अनुराग ठाकुर ने तृणमूल नेता का नाम लिए बिना ई-सिगरेट का मुद्दा उठाया था और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से इस उल्लंघन पर ध्यान देने की अपील की थी। लोकसभा अध्यक्ष के कहने पर अब अनुराग ठाकुर ने स्पीकर को इस मामले में लिखित शिकायत भी दे दी है।

इस शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया है कि ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद को सदन की बैठक के दौरान खुलेआम इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पीते देखा गया है।

शिकायत में अनुराग ठाकुर ने क्या-क्या कहा?

अनुराग ठाकुर ने कहा कि मैं आपके ध्यान में 11 दिसंबर 2025 को लोकसभा चैंबर में हुए सदन के नियमों और कानूनों के गंभीर उल्लंघन की बात लाना चाहता हूं। ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद को सदन की बैठक के दौरान खुलेआम इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पीते देखा गया। यह काम वहां मौजूद कई सदस्यों को साफ दिखाई दे रहा था और मैंने प्रश्नकाल के दौरान इसे आपके ध्यान में लाया। मैं यह भी आपको ध्यान दिलाना चाहता हूं कि:

1. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (प्रोहिबिशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट) एक्ट, 2019 के तहत 2019 में पूरे भारत में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बनाना, प्रोडक्शन, इम्पोर्ट, एक्सपोर्ट, ट्रांसपोर्ट, सेल (ऑनलाइन सेल सहित), डिस्ट्रीब्यूशन, स्टोरेज और एडवरटाइजमेंट पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी।

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2. सरकारी इमारतों और संसद भवन सहित सार्वजनिक जगहों पर ई-सिगरेट रखना और उनका इस्तेमाल करना, इस 2019 एक्ट के तहत एक दंडनीय अपराध है।

3. 2019 एक्ट से पहले भी संसद भवन के अंदर इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ENDS) समेत किसी भी तरह के स्मोकिंग डिवाइस का इस्तेमाल 2008 से सिगरेट और दूसरे तंबाकू प्रोडक्ट्स (विज्ञापन पर रोक और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, सप्लाई और वितरण का रेगुलेशन) एक्ट, 2003 (COTPA) और उसके तहत बनाए गए नियमों के साथ-साथ लोकसभा सेक्रेटेरिएट द्वारा जारी खास निर्देशों के तहत पूरी तरह से मना है।

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4. लोकसभा सेक्रेटेरिएट ने समय-समय पर जारी अपने सर्कुलर और गाइडलाइंस (जिनमें 2019 एक्ट के बाद बैन को दोहराने वाले भी शामिल हैं) में संसद परिसर के अंदर ई-सिगरेट/वेपिंग डिवाइस ले जाने और इस्तेमाल करने पर साफ तौर पर रोक लगाई है।

'इस तरह का व्यवहार सदन की गरिमा को कम करता है'

अनुराग ठाकुर ने पत्र में आगे लिखा, "भारतीय लोकतंत्र के पवित्र स्थान, यानी लोकसभा चैंबर के अंदर एक बैन चीज और एक प्रतिबंधित डिवाइस का खुलेआम इस्तेमाल न सिर्फ पार्लियामेंट्री मर्यादा और अनुशासन का खुला उल्लंघन है, बल्कि इसी सदन द्वारा बनाए गए कानूनों के तहत एक कॉग्निजेबल अपराध भी है। इस तरह का व्यवहार सदन की गरिमा को कम करता है, एक बहुत ही खराब मिसाल कायम करता है, और देश के युवाओं को एक खतरनाक संदेश देता है, ऐसे समय में जब सरकार और संसद ने सभी तरह के तंबाकू और निकोटीन प्रोडक्ट्स के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।"

उन्होंने लिखा कि इसलिए, मैं आपसे दिल से रिक्वेस्ट करता हूं कि:

a) नियमों और कानून के इस गंभीर उल्लंघन पर तुरंत संज्ञान लें;
b) सदन की सही कमेटी या सिस्टम के जरिए घटना की जांच का निर्देश दें;
c) लोकसभा में काम करने के नियम और कंडक्ट के नियमों के अनुसार संबंधित सदस्य के खिलाफ उचित डिसिप्लिनरी कार्रवाई शुरू करें, और
d) यह पक्का करें कि अच्छी कार्रवाई की जाए और उसे रिकॉर्ड में रखा जाए ताकि सदन की पवित्रता और गरिमा बनी रहे। मुझे पूरा भरोसा है कि आपके काबिल लीडरशिप में सदन की इज्जत बनी रहेगी और इन पवित्र जगहों पर भी नियम कायम रहेंगे।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 12 December 2025 at 12:56 IST