अपडेटेड 14 August 2025 at 13:33 IST

डॉग लवर्स को मिलेगी राहत? आवारा कुत्तों के मामले में SC फैसले पर फिर से विचार को तैयार, 3 जजों की बेंच करेगी सुनवाई

दिल्ली में आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश पर विरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई करेगी।

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Supreme Court on Stray Dogs
सुप्रीम कोर्ट | Image: ANI/Supreme Court

नई दिल्लीः भारत का सर्वोच्च न्यायालय अपने हालिया आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए सहमत हो गया है, जिसमें दिल्ली सरकार और दिल्ली-एनसीआर के अन्य संबंधित अधिकारियों को आठ हफ्तों के भीतर सभी आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था।

जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एनवी अंजारिया की तीन सदस्यीय सर्वोच्च न्यायालय की पीठ गुरुवार को दिल्ली में आवारा कुत्तों से संबंधित विवादास्पद मामले की सुनवाई करेगी। सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ द्वारा 11 अगस्त को पारित एक आदेश के बाद आया है, जिसमें आठ हफ्तों के भीतर दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश दिया गया था।

सड़कों पर क्यों उतरे लोग?

सुप्रीम के पिछले आदेश पर राष्ट्रीय राजधानी में बहस और विरोध शुरू हो गया था, जहां पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और पेटा इंडिया और भारतीय पशु संरक्षण संगठनों के महासंघ (FIAPO) जैसे संगठनों ने कड़ा विरोध जताया था। उनका तर्क था कि आवारा कुत्तों को बड़े पैमाने पर हटाना अव्यावहारिक, अतार्किक और गैरकानूनी होगा और इससे इंसानों और जानवरों, दोनों के लिए अराजकता और पीड़ा पैदा हो सकती है। सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय सभी हितधारकों और समूहों को अपनी चिंताओं और तर्कों को प्रस्तुत करने का एक नया अवसर प्रदान करेगा।

आवारा कुत्तों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने तब संज्ञान लिया, जब एक न्यूज रिपोर्ट में एक आवारा कुत्ते के काटने से रेबीज के कारण छह साल की बच्ची की दुखद मौत की जानकारी सामने आई। स्वतः संज्ञान लेते हुए अदालत ने दिल्ली सरकार और नगर निकायों को आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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अदालत के आदेशों में सीसीटीवी निगरानी वाले डॉग शेल्टर स्थापित करना, नसबंदी और टीकाकरण के लिए कर्मचारियों की भर्ती करना और कुत्तों के काटने की सूचना देने के लिए एक हेल्पलाइन स्थापित करना शामिल है। संबंधित अधिकारियों को आठ सप्ताह के भीतर इन निर्देशों के कार्यान्वयन पर एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।

आदेश को लागू करने में क्या चुनौतियां हैं?

  1. पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करना चुनौतीपूर्ण है। दिल्ली में आवारा कुत्तों की अनुमानित आबादी लगभग 10 लाख है, और दिल्ली नगर निगम (MCD) वर्तमान में केवल 20 केंद्रों का संचालन करता है, जहां नसबंदी के बाद 5000 से भी कम कुत्ते रहते हैं। आश्रयों के निर्माण, कर्मचारियों की भर्ती और आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए पर्याप्त संसाधनों और योजना की आवश्यकता होगी।
  2. जहां कुछ निवासियों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने राहत के उपाय के रूप में इस आदेश का स्वागत किया है, वहीं अन्य ने आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने के परिणामों को लेकर चिंता व्यक्त की है। पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने तर्क दिया कि यह आदेश पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 का उल्लंघन करता है, जिसके अनुसार नसबंदी और टीकाकरण किए गए कुत्तों को उनके मूल स्थानों पर वापस छोड़ना आवश्यक है।

आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का पूरा आदेश

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 13 August 2025 at 23:24 IST