अपडेटेड 4 October 2025 at 16:19 IST

छिंदवाड़ा में 10वीं मौत... किडनी फेल होने से एक और बच्ची की गई जान, कंपनी को क्लीन चिट; फिर जिम्मेदार कौन?

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के परासिया में रहने वाली एक और बच्ची की किडनी फेल होने से मौत हो गई है। नागपुर में पिछले एक सप्ताह से योगिता ठाकरे का इलाज चल रहा था।

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chhindwara children death
कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत से हड़कंप | Image: Republic

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के परासिया में रहने वाली एक और बच्ची की किडनी फेल होने से मौत हो गई है। नागपुर में पिछले एक सप्ताह से योगिता ठाकरे का इलाज चल रहा था। वह आज जिंदगी की जंग हार गई।

इससे पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कफ सिरप बनाने वाली कंपनी पर बैन लगाने का ऐलान किया। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी।

क्या बोले मोहन यादव?

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है। सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी। राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।"

सैंपल जांच के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा?

स्वास्थ्य ने बताया कि परीक्षण के परिणामों के अनुसार, "किसी भी नमूने में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) या एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) नहीं था, जो ऐसे संदूषक (CONTAMINATING) हैं जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। मध्य प्रदेश राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन (SFDA) ने भी तीन नमूनों का परीक्षण किया और डीईजी/ईजी की अनुपस्थिति की पुष्टि की। इसके अलावा एनआईवी पुणे द्वारा सामान्य रोगाणुओं के लिए रक्त/सीएसएफ के नमूनों का परीक्षण किया गया है। एक मामला लेप्टोस्पायरोसिस के लिए पॉजिटिव पाया गया है।"

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अबतक 12 बच्चों की मौत

जानकारी के मुताबिक, पहले बच्चों को सामान्य बुखार और सर्दी की शिकायत हुई थी, जिसके बाद वहां के स्थानीय डॉक्टरों ने खांसी की दवाई दी। उससे बच्चों की हालत थोड़ी ठीक तो हुई, लेकिन कुछ ही दिनों में उनके पेशाब में कमी आई और फिर अचानक किडनी फेल होने लगी। पहले 6 बच्चों की मौत हुई। फिर इसके बाद मौत का आंकड़ा बढ़ता ही चला गया।

पहला मामला 7 सितंबर को सामने आया था जब 5 वर्षीय अदनान खान को तेज बुखार और उल्टी की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर उसे नागपुर रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं। इसके बाद लगातार नए मामले सामने आते रहे और अब तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। प्रशासन ने शुरुआती जांच में पानी और चूहों के सैंपल लिए थे, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं, राजस्थान में भी 2 बच्चों की ऐसे ही मौत हुई है। यानि दोनों राज्यों में कुल मिलाकर 12 मौत हुई हैं।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 4 October 2025 at 16:00 IST