अपडेटेड 28 March 2024 at 15:43 IST
पूर्णिया टू मुंबई... INDI में तनाव, कैसे करेंगे PM मोदी का मुकाबला, नीतीश ने पहले ही भांप लिया?
Lok Sabha Election: सीटों को लेकर महाराष्ट्र में कांग्रेस और उद्धव गुट वाली शिवसेना का झगड़ा हो रहा है। बिहार में राजद और कांग्रेस के बीच खींचतान है।
- चुनाव न्यूज़
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Lok Sabha Election 2024: जब लोकसभा के चुनाव चौखट पर हैं, टिकटों के विवाद ने विपक्षी दलों के INDI गठबंधन में 'ऑल इज वेल' की स्थितियों से ढक्कन हटा दिया है। टिकट की खटपट इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस के भीतर खत्म होने के बजाय बढ़ चुकी है। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख के दिन गठबंधन के भीतर खूब ड्रामा चला, क्योंकि बिहार से महाराष्ट्र तक गठबंधन में सहयोगी दलों के बीच टिकटों को लेकर भारी कंफ्यूजन है। बिना समझौते के ही कुछ सीटों पर दावेदारी से सहयोगियों में बात तू-तड़ाक तक पहुंच चुकी है।
महाराष्ट्र में विपक्ष का गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) है, जिसमें कांग्रेस-एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना-यूबीटी (उद्धव गुट) शामिल है। बिहार में महागठबंधन बना हुआ है, जिसमें लालू यादव की पार्टी राजद, कांग्रेस और लेफ्ट शामिल हैं। दोनों ही राज्यों के ये दल केंद्र में INDI गठबंधन में साझीदार हैं। राज्य-दर राज्य ये दल सीटों को लेकर डील पक्की बताते हैं, जबकि औपचारिक ऐलान किए बिना ही प्रत्याशियों की सूची जारी हो रही हैं। मसलन इससे कई जगह INDI गठबंधन में टकराव की स्थिति बन चुकी है और विपक्ष के भीतर ही आपस में अल्टीमेटम दिए जा रहे हैं।
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महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना-यूबीटी भिड़ीं
महाराष्ट्र में कांग्रेस और उद्धव गुट वाली शिवसेना का झगड़ा हो रहा है। सांगली, मुंबई की उत्तर पश्चिम और दक्षिण मध्य जैसी सीटों पर उद्धव गुट ने प्रत्याशी उतारे तो कांग्रेसियों की नींद उड़ गई। क्योंकि संजय निरुपम जैसे कुछ कांग्रेसी नेता अपने-अपने इलाकों में चुनाव लड़ने की जबरदस्त तैयारी करके बैठे थे।
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कई कांग्रेसियों ने खोला मोर्चा
उद्धव गुट की लिस्ट आते ही संजय निरुपम ने अल्टीमेटम दे डाला। संजय निरुपम कहते हैं, "उत्तर पश्चिम मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) ने जो उम्मीदवार खड़ा किया है, उस पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं...मैं ऐसे 'खिचड़ी चोर' उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं करूंगा।" यही नहीं, निरुपम गठबंधन तोड़ने तक की मांग कर रहे हैं।' कांग्रेस नेता निरुपम कहते हैं- 'मैं कांग्रेस नेतृत्व का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं कि वो हस्तक्षेप करें, यदि नहीं तो पार्टी को बचाने के लिए गठबंधन तोड़ दें।'
कांग्रेस नेता जीशान सिद्दीकी भी कहते हैं- 'सांगली और मुंबई दक्षिण मध्य के लिए उम्मीदवारों की घोषणा से पता चलता है कि वो अपने सहयोगियों के रूप में कांग्रेस पार्टी को कितना महत्व देते हैं और उसका सम्मान करते हैं। शिवसेना-यूबीटी के खिलाफ बोलने के लिए मेरी आलोचना की गई, लेकिन एक दिन लोगों को एहसास होगा कि यह गठबंधन महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी के कैडर को कैसे नुकसान पहुंचाएगा।'
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कांग्रेसियों को उद्धव गुट का जवाब
जब कांग्रेस से सवाल उठे तो उद्धव गुट भी जवाब देने के लिए सामने आया, जिससे खींचतान और जाहिर हो गई। संजय निरुपम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना यूबीटी सांसद अरविंद सावंत कहते हैं, 'वो (निरुपम) कौन हैं? मुझे नहीं पता। हमारी पार्टी में अनुशासन है। एक बार जब उद्धव ठाकरे इसकी (उम्मीदवारों के नाम) घोषणा कर दें तो मामला खत्म हो जाएगा।'
शिवसेना-यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी कहती हैं- "वो कांग्रेस में रहते हुए बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं। अमोल कीर्तिकर पर आरोप इसलिए लगाए जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि बीजेपी के लिए मुश्किल होगी उन्हें हराने के लिए, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे उम्मीद है कि वो (संजय निरुपम) समझेंगे कि कभी-कभी 'गठबंधन धर्म' में समझौता करना जरूरी होता है।"
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बिहार में पूर्णिया सीट पर 'महासंग्राम'
कुछ यही हाल बिहार में है। यहां INDI गठबंधन के भीतर राजद और कांग्रेस के बीच दीवार खड़ी हो चुकी है। क्योंकि कांग्रेस की सहयोगी राजद ने पूर्णिया सीट से बीमा भारती को खड़ा किया है, जबकि इस सीट पर कांग्रेस नेता पप्पू यादव अड़ गए हैं।
पिछले दिनों अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले पप्पू यादव शुरू से ही पूर्णिया से दावेदारी ठोक रहे हैं। पप्पू यादव कहते हैं कि 'पूर्णिया के साथ उनका इमोनशल जुड़ाव है। मर जाएंगे, लेकिन पूर्णिया के लोगों की भावनाओं को धोखा नहीं देंगे।' इधर, 23 मार्च को जदयू छोड़ने के कुछ ही घंटों के भीतर राजद ज्वॉइन करने वाली बीमा भारती पूर्णिया से नामांकन की तैयारी में लग चुकी हैं। बीमा भारती कहती हैं कि वो 3 अप्रैल को नामांकन पत्र दाखिल करेंगी।
नीतीश ने पहले ही भांप लिया?
बिहार में अभी जो लड़ाई विपक्षी गठबंधन में छिड़ी है, उसे नीतीश कुमार पहले ही भांप गए हैं। नीतीश कुमार ही INDI गठबंधन के सूत्रधार थे और खुद ही गठबंधन के अंदर की स्थिति को देखकर बाहर निकल गए। लोकसभा चुनावों से पहले जनवरी महीने में ही नीतीश कुमार ने INDI गठबंधन को छोड़ दिया था और फिर से एनडीए में वापसी करके सरकार बनाई थी।
कैसे करेंगे PM मोदी का मुकाबला?
2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं। बीजेपी को उम्मीद है कि लोकसभा चुनावों में तीसरी बार पार्टी भारी बहुमत से जीतेगी। बीजेपी के नेतृत्व वाला गठबंधन NDA 2024 में 400 पार का टारगेट लेकर चल रहा है। हालांकि विपक्षी गठबंधन INDI बिना चेहरे और बिना लोगो के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी और बीजेपी को हराने के लिए खड़ा है। बहरहाल, अभी इनकी आपस की लड़ाई सवाल खड़ा कर रही है कि विपक्ष नरेंद्र मोदी से मुकाबला कर पाएगा भी या नहीं।
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 28 March 2024 at 15:38 IST