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Updated March 28th, 2024 at 11:42 IST

माइक्रोफोन से प्रेशर कुकर तक...तमिलनाडु में छोटे दलों को मिले ऐसे चुनाव चिन्ह, हो रही खूब चर्चा

नाम तमिलर पार्टी को माइक्रोफोन तो AMMK को प्रेशर कुकर चिन्ह मिला है। अब इन चुनाव चिह्न पर लड़ने वाले दलों के सामने अपनी योग्यता साबित करने की चुनौती रहेगी।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
smaller parties symbols in Tamilnadu
तमिलनाडु में छोटे दलों को मिले चुनाव चिन्ह चर्चा में आए। | Image:ANI
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Tamil Nadu Election : तमिलनाडु के राजनीतिक इतिहास में चुनाव चिन्ह एक चर्चित मुद्दा रहा है। कुछ ऐसे ही लोकसभा चुनाव के बीच प्रत्याशियों को मिले चुनाव चिन्ह चर्चाओं में हैं। वैसे अन्नाद्रमुक (दो पत्ती चिह्न), द्रमुक (उगता सूरज), बीजेपी (कमल) और कांग्रेस (हाथ) जैसे जमे जमाए दल हैं, लेकिन इनके बावजूद तमिलनाडु में ये आम चुनाव कई 'चिन्हों' के इर्द-गिर्द घूमता है। वो इसलिए कि कुछ दिग्गज निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम इस बार रामनाथपुरम सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। एमडीएमके मुख्यालय सचिव दुरई वाइको भी त्रिची सीट से निर्दलीय खड़े हैं। इसी तरह, नाम तमिलर पार्टी (एनटीके), जो गन्ना किसान को अपना चुनाव चिह्न बनाने में विफल रही, अब तमिलनाडु के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में माइक्रोफोन चुनाव चिह्न के साथ चुनाव लड़ रही है। नाम तमिलर पार्टी के संयोजक सीमान कहते हैं- 'माइक्रोफोन चुनाव चिन्ह उन्हें आशा देता है।'

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एनटीके राज्य में प्रमुख गठबंधनों के बाहर चुनाव लड़ रही है। एनटीके नेता सीमान ने कहा, "भले ही हमें अपना गन्ना किसान प्रतीक नहीं मिला, हम 'माइक' प्रतीक में आशा के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। कई क्रांतिकारियों ने अपने नारे लगाने के लिए इस उपकरण का इस्तेमाल किया।"

AMMK को प्रेशर कुकर चुनाव चिन्ह मिला

टीटीवी दिनाकरन की एएमएमके को प्रेशर कुकर चुनाव चिन्ह मिला है। हालांकि तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु में सियासी ड्रामे के बीच 'प्रेशर कुकर' वो भाग्यशाली चिन्ह बना, क्योंकि इसके दम पर उन्होंने आरके नगर उपचुनाव जीता था।

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अलग चिन्ह पर लड़ने वाले दलों के सामने होगी चुनौती

हालांकि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के सामने अपरिचित चुनाव चिह्न पर अपनी योग्यता साबित करने की चुनौती रहेगी। एआईएडीएमके से बाहर किए गए ओ पन्नीरसेल्वम ये साबित करने के लिए निकले हैं कि उन्हें अभी भी एआईएडीएमके कैडरों का समर्थन मिला हुआ है।

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डीएमके प्रवक्ता सर्वानन कहते हैं- 'प्रतीक मतदाताओं को उनकी विचारधारा से पहचानने का एक तरीका है। डीएमके के संबंध में हमारे पास उगता सूरज है, ये प्रतीक है कि सूरज अज्ञानता के अंधेरे, उत्पीड़न के अंधेरे को दूर करेगा। प्रत्येक राजनीतिक दल ऐसे प्रतीक मांगेगा जो उनकी विचारधारा को दर्शाता हो, पार्टी के डीएनए को दर्शाता हो, इसलिए प्रतीक महत्वपूर्ण हैं।'

वोट शेयर बढ़ाने की कोशिश में MDMK

इस बीच, डीएमके की सहयोगी वाइको की एमडीएमके अपने वोट शेयर को बढ़ाना चाहती है, ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि उसे अगले चुनावों के लिए एक मान्यता प्राप्त प्रतीक मिले। चुनाव आयोग ने एमडीएमके को 'शीर्ष' चुनाव चिन्ह आवंटित करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि पार्टी सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ रही है।

एमडीएमके पर गठबंधन के बड़े भाई डीएमके की ओर से डीएमके 'राइजिंग सन' चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने का दबाव था, लेकिन वाइको की पार्टी को लगा कि स्वतंत्र चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ना बेहतर होगा। वाइको के बेटे दुरई वाइको ने एक सार्वजनिक रैली में रोते हुए कहा था, ‘हम पर डीएमके के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने के लिए अप्रत्यक्ष दबाव का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इससे हमारी पार्टी की छवि पर असर पड़ेगा। चाहे जो भी करना पड़े, वो अपनी पार्टी के स्वतंत्र चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे।’

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Published March 28th, 2024 at 11:29 IST

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