अपडेटेड 28 April 2024 at 17:55 IST

झारखंड में 12 मौजूदा विधायक लड़ेंगे आम चुनाव, INDI के 7 और BJP के 3 उम्मीदवार मैदान में

लोकसभा चुनाव के लिए INDI अलायंस ने सात मौजूदा विधायकों को मैदान में उतारा है तो वहीं बीजेपी ने तीन विधायकों को उम्मीदवार बनाया है।

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Joba Manjhi, Sita Soren and Nalin Soren
जोबा मांझी, सीता सोरेन और नलिन सोरेन | Image: Facebook

Jharkhand News: झारखंड में सत्तारूढ़ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ और प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिये जाने के बाद एक दिलचस्प चुनावी परिदृश्य उभरकर सामने आया है। लोकसभा चुनाव के लिए इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) ने सात मौजूदा विधायकों को मैदान में उतारा है तो वहीं भाजपा ने तीन विधायकों को उम्मीदवार बनाया है। झारखंड में कुल 14 लोकसभा सीट के लिए चुनाव होंगे। दिलचस्प बात यह है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के दो मौजूदा विधायकों ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जो पार्टी के भीतर संभावित आंतरिक कलह को दर्शाता है।

राज्य में 13 मई से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए 2.56 करोड़ पात्र मतदाता हैं। राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन में कांग्रेस, झामुमो, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी)-लिबरेशन शामिल हैं। गठबंधन के सीट बंटवारे की व्यवस्था के अनुसार, कांग्रेस सात सीट पर और झामुमो पांच सीट पर चुनाव लड़ेगी। 

JMM ने 4 विधायकों को लोकसभा का टिकट दिया

झामुमो ने रणनीतिक रूप से अपने चार मौजूदा विधायकों को संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मैदान में उतारा है, यह कदम चुनावी सफलता के लिए क्षेत्रीय दलों की स्थापित नेताओं पर निर्भरता को दर्शाता है। शिकारीपाड़ा से विधायक नलिन सोरेन को दुमका लोकसभा सीट से, टुंडी से विधायक मथुरा महतो को गिरिडीह से, मनोहरपुर से विधायक जोबा मांझी को सिंहभूम से और बहरागोड़ा से विधायक समीर कुमार मोहंती को जमशेदपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। 

झामुको के प्रवक्ता मनोज पांडे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘किसी विशेष सीट के लिए उम्मीदवार के चयन की प्रक्रिया में कई चीजें शामिल होती हैं, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया, जीतने की क्षमता और पंचायत तथा प्रखंड स्तरीय समितियों की राय शामिल है। इन कारकों की समीक्षा के बाद उम्मीदवारों को टिकट दिए गए।’’

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राजनीतिक पर्यवेक्षक और रांची विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग की पूर्व प्रमुख तुलु सरकार ने क्षेत्रीय दलों के सतर्क दृष्टिकोण को रेखांकित किया, जो महत्वपूर्ण चुनावी लड़ाई में नए लोगों के मुकाबले परिचित चेहरों को प्राथमिकता देते हैं। सरकार ने कहा, ‘‘क्षेत्रीय दल आम तौर पर अपने मौजूदा विधायकों या स्थापित नेताओं पर भरोसा करते हैं। चूंकि संसदीय चुनाव व्यापक संभावनाओं पर लड़े जाते हैं, इसलिए ऐसी पार्टियां नए चेहरे लाकर जोखिम नहीं लेना चाहतीं। इसलिए यहां झारखंड में, हम देखते हैं कि झामुमो ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने सर्वाधिक मौजूदा विधायकों को मैदान में उतारा है।’’

उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के बीच उपयुक्त उम्मीदवारों की कमी भी एक प्रमुख कारक है। सरकार ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में पार्टियों के पास ऐसे उम्मीदवार को चुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं है जिनके जीतने की संभावना अधिक हो। इसलिए मौजूदा विधायक एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरे हैं क्योंकि उनके पास पहले से ही अपने-अपने क्षेत्रों में आधार है।’’

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झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने पार्टी के भीतर किसी भी संकट से इनकार किया और उम्मीदवार चयन प्रक्रिया पर विश्वास जताया। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी में उम्मीदवारों की कोई कमी नहीं है।’’ हालांकि, हाल के घटनाक्रम ने राजनीतिक परिदृश्य में जटिलताएं बढ़ा दी हैं। झामुमो विधायक चमरा लिंडा और लोबिन हेम्ब्रोम ने चुनिंदा निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों को चुनौती देते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। लिंडा ने लोहरदगा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, जो सीट-बंटवारे समझौते के तहत कांग्रेस को मिली है। बोरियो के विधायक हेम्ब्रोम राजमहल से अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार विजय हंसदक के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे जो मौजूदा सांसद भी हैं।

कांग्रेस ने MLA जय प्रकाश भाई पटेल को उतारा

कांग्रेस ने मांडू से विधायक जय प्रकाश भाई पटेल को हजारीबाग लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है, जबकि पोरेयाहाट से विधायक प्रदीप यादव गोड्डा से चुनाव लड़ेंगे। जय प्रकाश हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। ‘इंडिया’ के एक अन्य सहयोगदी दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने कोडरमा से बगोदर के विधायक विनोद कुमार सिंह पर भरोसा जताया है।

इसके विपरीत भाजपा ने अपने विधायक मनीष जायसवाल को हजारीबाग संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतारा है। भाजपा ने बाघमारा के विधायक डुलु महतो को धनबाद से और जामा के विधायक सीता सोरेन को दुमका लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। झामुमो विधायक सीता सोरेन ने भाजपा में शामिल होने से पहले 19 मार्च को पार्टी और झारखंड विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। झारखंड विधानसभा के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है क्योंकि यह उचित प्रारूप में नहीं था। अधिकारी ने कहा, ‘‘उनका इस्तीफा उनकी बेटी की ईमेल आईडी के माध्यम से प्राप्त हुआ था। इसलिए कार्यालय ने जामा विधायक को उनके पूर्व त्याग पत्र की एक प्रति संलग्न करके उचित प्रारूप में अपना इस्तीफा सौंपने के लिए लिखा है। उनके जवाब का अब भी इंतजार है।’’

भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पार्टी ने स्थानीय कारकों और कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया के आधार पर कुछ विधायकों को टिकट दिया, जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के दलों में इस तरह के विमर्श का अभाव है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ गठबंधन अपने विधायकों को टिकट देने के लिए मजबूर है क्योंकि उन्हें कोई उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिला जो राज्य में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने में रुचि रखता हो।

Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 28 April 2024 at 17:55 IST