अपडेटेड 4 April 2024 at 10:03 IST
सनातन का विरोध पड़ा भारी? कांग्रेस को बड़ा झटका, गौरव वल्लभ ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले छोड़ी पार्टी
Gourav Vallabh News: गौरव वल्लभ ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी को बड़ा झटका दे दिया है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस छोड़ दी है।
- चुनाव न्यूज़
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Gaurav Vallabh resigns from Congress: कांग्रेस के चर्चित प्रवक्ताओं में शामिल गौरव वल्लभ ने लोकसभा चुनावों से ठीक पहले पार्टी को बड़ा झटका दे दिया है। जब लोकसभा चुनाव ठीक सिर पर आ चुके हैं तो कांग्रेस में बिखराव ने जोर पकड़ लिया है। बड़े-बड़े नेता कांग्रेस पार्टी की नाव से कूदकर भाग कर रहे हैं। इसी क्रम में अब गौरव वल्लभ ने कांग्रेस पार्टी के सभी पदों के साथ साथ प्राथमिक सदस्य से भी इस्तीफा दे दिया है।
फाइनेंस के प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दो पन्नों की चिट्ठी भेजी है, जिसमें उन्होंने अपनी इस्तीफे की भी घोषणा की। गौरव वल्लभ ने आरोप लगाए हैं कि कांग्रेस पार्टी जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें वो खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहे थे। प्रोफेसर ने कहा कि वो कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।
गौरव वल्लभ ने क्यों कांग्रेस पार्टी छोड़ी?
अपने इस्तीफे में गौरव वल्लभ ने कांग्रेस छोड़ने की वजह बताई है। प्रोफेसर ने आरोप लगाए कि वो अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस के स्टैंड से दुखी थे। वो जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हैं, लेकिन पार्टी के स्टैंड ने उन्हें असहज किया। पार्टी और गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं। पार्टी का उस पर चुप रहना, उसे मौन स्वीकृति देने जैसा है।
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गौरव वल्लभ ने कांग्रेस पर दूसरा बड़ा आरोप ये लगाया कि आर्थिक मामलों पर बोलते समय में कांग्रेस का स्टैंड हमेशा देश के वेल्थ क्रिएटर्स को नीचा दिखाने का, उन्हें गाली देने का रहा है। आज हम उन आर्थिक उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण नीतियों के खिलाफ हो गए हैं, जिसको देश में लागू करने का श्रेय दुनिया ने हमें दिया है।
कांग्रेस का ग्राउंड लेवल कनेक्ट टूट चुका है: गौरव
फाइनेंस के प्रोफेसर गौरव कहते हैं- 'जब उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की थी तब उनका मानना था कि ये देश की सबसे पुरानी पार्टी है, जहां पर युवा, बौद्धिक लोगों, उनके आइडिया की कद्र होती है। लेकिन पिछले कुछ सालों में ये महसूस हुआ कि पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए आइडिया वाले युवाओं के साथ खुद को एडजस्ट नहीं कर पाता। पार्टी का ग्राउंड लेवल कनेक्ट पूरी तरह टूट चुका है, जो नए भारत की आकांक्षा को बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही है।'
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Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 4 April 2024 at 08:54 IST