Updated April 28th, 2024 at 16:24 IST
लवली के घर नेताओं का मेला, संदीप दीक्षित ने भी मिलाए सुर में सुर; दिल्ली कांग्रेस में आएगा भूचाल?
Delhi Congress: दिल्ली कांग्रेस में बड़े भूचाल की आहट सुनाई पड़ने लगी है। अरविंदर सिंह लवली का इस्तीफा होते ही कई नेता उनके समर्थन में उतर आए हैं।
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Arvinder Singh Lovely: दिल्ली में आम आदमी पार्टी से दोस्ती और पार्टी के भीतर की कलह कांग्रेस की नैया डुबो सकती है। शुरुआत अरविंदर सिंह लवली कर चुके हैं। AAP के साथ गठबंधन और कुछ नेताओं पर उंगली उठाकर अरविंदर सिंह लवली ने अपने तेवर दिखा दिए हैं। इन्हीं तेवरों के साथ कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वो भी लोकसभा चुनावों के ठीक बीच में हैं। अब तेजी से घटनाक्रम दिल्ली में बदल रहा है और कांग्रेस के भीतर बड़े भूचाल की आहट सुनाई पड़ने लगी है।
अरविंदर सिंह लवली का इस्तीफा होते ही कई नेता उनके समर्थन में उतर आए हैं। संदीप दीक्षित समेत कई कांग्रेस नेताओं का अरविंदर सिंह लवली के आवास पर मेला लग चुका है। लिहाजा, दिल्ली कांग्रेस में इस गुट के बागी होने की आशंकाएं जोर पकड़ने लगी हैं।
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संदीप दीक्षित ने लवली के सुर में सुर मिलाए
संदीप दीक्षित दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के कटु आलोचक और आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के धुर विरोधी हैं। फिलहाल संदीप दीक्षित ने लवली के सुर में सुर मिला डाले हैं। संदीप दीक्षित खुलकर अरविंदर सिंह लवली का समर्थन कर रहे हैं। अपने एक बयान में संदीप दीक्षित दावा करते हैं कि कांग्रेस का अध्यक्ष बनना कांटों का ताज है। इसके बावजूद पिछले 6-8 महीने में उन्होंने मेहनत करके पार्टी खड़ी की। सबको ये लगा था कि धीरे-धीरे कांग्रेस जागृत हो रही है।
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लवली के इस्तीफे पर संदीप दीक्षित कहते हैं- 'कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस का कार्यकर्ता होकर उनमें (अरविंदर सिंह लवली) एक व्यक्तिगत पीड़ा है।' अब जिस तरह संदीप दीक्षित लवली के इस्तीफे को उनका दर्द बता रहे हैं। उसके मायने निकाले जाएं तो ये कांग्रेस से इनके बागी होने के संकेत हो सकते हैं।
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कांग्रेस ने नेताओं के विरोध को दरकिनार किया
लोकसभा चुनावों के लिए जून 2023 में बने INDI गठबंधन का हिस्सा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों हैं। INDI गठबंधन के तहत ही दोनों पार्टियां मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। समझौते के तहत 4 सीटों पर आम आदमी पार्टी और 3 सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारे हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी के भीतर ऐसे कई नेता हैं, जो AAP के साथ गठबंधन से नाखुश हैं। संदीप दीक्षित को इस लिस्ट में सबसे ऊपर रखा जा सकता है। वो इसलिए कि कई बार उन्होंने खुलकर विरोध किया था। फिलहाल अरविंदर सिंह लवली ने जब इस्तीफा दिया है तो AAP से गठबंधन का विरोध साफ-साफ दिखा है।
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अपने इस्तीफे में लवली ने लिखा है- 'दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस के खिलाफ झूठ बोलकर, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर बनी थी। इसके बावजूद पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।' इससे साफ हो जाता है कि कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को लेकर अपने ही नेताओं के विरोध को दरकिनार किया।
कांग्रेस में कलह पर हाईकमान दिखा चुप
बात सिर्फ AAP के साथ गठबंधन की नहीं है। और भी कई विषयों पर कांग्रेस नेताओं के आपस में मतभेद रहे हैं। इसमें चाहे अरविंदर सिंह लवली और दीपक बाबरिया के बीच मतभेद की बात हो, या कन्हैया कुमार-उदित राज जैसे बाहरी नेताओं की दिल्ली में एंट्री का विरोध हो, कांग्रेस हाईकमान पार्टी के भीतर की कलह को दूर कर नहीं पाया है। उदाहरण लवली सिंह का ही इस्तीफा है, जिसमें बकायदा दिल्ली प्रभारी के ऊपर आरोप लगाए गए हैं।
लवली ने इस्तीफे में लिखा- 'दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से लिए गए सभी सर्वसम्मत फैसलों को एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने एकतरफा वीटो कर दिया है। डीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद से एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे डीपीसीसी में कोई वरिष्ठ नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी है। डीपीसीसी के मीडिया प्रमुख के रूप में एक अनुभवी नेता की नियुक्ति के मेरे अनुरोध को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया गया। आजतक, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने डीपीसीसी को शहर के सभी ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की अनुमति नहीं दी है। नतीजा ये हुआ कि दिल्ली के 150 से ज्यादा ब्लॉकों में फिलहाल कोई ब्लॉक अध्यक्ष नहीं है।'
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क्या चुनावों के बीच लवली बदलेंगे पाला?
लवली को अगस्त 2023 में दिल्ली कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष का पद मिला था। अभी दिल्ली में लोकसभा चुनाव से ठीक 28 दिन पहले उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि वो कांग्रेस पार्टी में बने हुए हैं। अब जब तमाम नेता उनके आवास पर जुटे हैं तो अटकलें लगने लगी हैं कि वो पाला बदल सकते हैं। पुष्टि नहीं है, लेकिन अटकलें इसलिए हैं कि 2017 में उन्होंने कुछ समय के लिए बीजेपी को ज्वाइन कर लिया था। 2017 में लवली ने कांग्रेस छोड़ दी थी और बीजेपी में चले गए थे। लगभग 9 महीने के बाद वो कांग्रेस में लौटे थे। बहरहाल, दिल्ली में बदलने वाले घटनाक्रम के बाद ही सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।
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Published April 28th, 2024 at 14:44 IST
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