अपडेटेड 11 November 2025 at 06:26 IST
EXPLAINER/ Bihar Elections: नीतीश कुमार या तेजस्वी, बिहार में किसकी होगी ताजपोशी? दूसरे चरण की 122 में NDA की 66 सीटें दांव पर, पूरा समीकरण
Bihar Chunav: आखिरी फेज में 20 जिलों की 122 सीटों पर वोटिंग होगी, जिसमें बिहार की जनता 1302 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेगी।
- चुनाव न्यूज़
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Bihar Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होने वाली है। इसके लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। आपको बता दें कि इस आखिरी फेज में 20 जिलों की 122 सीटों पर वोटिंग होगी, जिसमें बिहार की जनता 1302 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेगी।
अगर हम 2020 के चुनावी नतीजों पर गौर करें तो यह चरण मुख्य रूप से NDA के लिए चुनौतियों से भरा होने वाला है। ये चरण असदुद्दीन ओवैसी, जीतनराम मांझी से लेकर उपेंद्र कुशवाहा की पार्टियों के लिए भी अग्निपरीक्षा साबित होगा।
आपको बता दें कि इस फेज में जहां एक ओर NDA की 66 सीटें दांव पर लगी है, वहीं महागठबंधन की इज्जत का भी पूरा फैसला इसी चरण पर टिका हुआ है।
दूसरे चरण में किन सीटों पर वोटिंग?
- गयाजी की 10 सीटें
- कैमूर - 4
- रोहतास - 7
- औरंगाबाद - 6
- अरवल - 2
- जहानाबाद - 3
- नवादा - 5
- भागलपुर - 7
- बांका - 5
- जमुई - 4
- सीतामढ़ी - 8
- शिवहर - 1
- मधुबनी - 10
- सुपौल - 5
- पूर्णिया - 7
- अररिया - 6
- कटिहार - 7
- किशनगंज - 4
- पूर्वी चंपारण - 12
- पश्चिमी चंपारण - 9
बिहार विधानसभा के दूसरे चरण में सीमांचल की 24 सीटें, शाहाबाद-मगध की 46, चंपारण की 21 और मिथिलांचल और कोसी की 31 सीटों पर वोटिंग होने वाली है। आपको बता दें कि इन सीटों पर मुख्य रूप से BJP और RJD के बीच फेस-टू-फेस होना है।
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किस पार्टी का कितने सीटों पर दावा?
इस चरण के लिए NDA में सबसे ज्यादा बीजेपी ने 53 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। जदयू 44, मांझी 6, उपेंद्र कुशवाहा 4 और लोजपा (आर) 15 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं, महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस 37, मुकेश सहनी 7, सीपीआई (माले) 7, सीपीआई 4 और सीपीएम ने एक सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इस चरण में सबसे ज्यादा 71 सीटों पर राजद के उम्मीदवार मैदान में हैं।
2020 के चुनावों में इन 122 सीटों पर भारी अंतर था। महागठबंधन को 66, एनडीए को 49, एआईएमआईएम को पांच और बसपा को एक सीट मिली थी। चुनाव बाद हुए बदलावों के कारण, एनडीए की प्रभावी संख्या 68 हो गई क्योंकि बसपा और एक निर्दलीय विधायक जेडी(यू) में शामिल हो गए। उस समय भाजपा 42 सीटों पर, जदयू 20 पर और हम चार पर जीती थी, जबकि राजद के पास 33, कांग्रेस 11 और भाकपा (माले) के पास पांच सीटें थीं।
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वहीं, अब तक कटिहार, किशनगंज, अररिया और पूर्णिया में 24 विधानसभा क्षेत्रों वाला सीमांचल, अपने बड़े मुस्लिम मतदाताओं के बल पर महागठबंधन का गढ़ बना हुआ है। 2020 में, इस क्षेत्र में महागठबंधन ने 12 सीटें, एनडीए ने छह और एआईएमआईएम ने पांच सीटें जीती थीं। इस बार ओवैसी की पार्टी ने और भी आक्रामक प्रचार अभियान के साथ वापसी की है, जिससे मुकाबला और कड़ा हो गया है।
शाहाबाद-मगध क्षेत्र बराबरी का है। पिछले चुनाव में एनडीए और महागठबंधन ने अपनी 46 सीटें बराबर-बराबर बांट ली थीं। औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल और गया जैसे जिलों में अब चुनाव हो रहे हैं। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां यादव, कुर्मी, राजपूत, दलित और भूमिहारों के बीच जातिगत गणित निर्णायक भूमिका निभाता है।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 10 November 2025 at 14:48 IST