अपडेटेड 11 November 2025 at 06:27 IST
Bihar Elections: बिहार चुनाव के दूसरे चरण में 122 सीटों पर आर-पार की लड़ाई, सीमांचल से मगध तक 10 हॉट सीट, जहां है कांटे का मुकाबला
बिहार चुनाव के दूसरे चरण में 10 ऐसी हॉट सीटे हैं जो राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। इन सीटों पर हर किसी की नजरें टिकी है। जानते हैं इन सीटों के बारे में...
- चुनाव न्यूज़
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बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए रविवार को प्रचार का शोर थम गया और अब मतदाताओं की बारी है। 11 नवंबर, मंगलवार को राज्य के 20 जिलों की 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 1302 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करीब 3,70,13,556 मतदाता करेंगे। दूसरे चरण में सीमांचल से लेकर मगध तक 10 ऐसी हॉट सीटें हैं, जिस पर पूरी देश की निगाहें टिकी है। सीमांचल, मगध और शाहाबाद क्षेत्रों में फैली इन सीटों पर दलबदल, स्थानीय नेतृत्व और जातीय गणित की असली परीक्षा हैं।
बिहार चुनाव के दूसरे चरण में 10 ऐसी हॉट सीटे हैं जो राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। इन सीटों पर हर किसी की नजरें टिकी है। इस चरण में कुल 122 सीटों पर मतदान होगा। इनके नतीजे न सिर्फ NDA और महागठबंधन की ताकत मापेंगे, बल्कि बिहार की अगली सरकार का स्वरूप भी तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। दूसरे चरण के मतदान के बाद 14 नवंबर को नतीजे आएंगे।
दूसरे चरण में सीमांचल से मगध तक वो 10 हॉट सीटें जहां है कांटे का मुकाबला
- जोकीहाट (अररिया): बिहार के अररिया जिले की सबसे रोचक विधानसभा सीट जोकीहाट है। मुस्लिम वोटों की पारंपरिक सियासी जंग और AIMIM के बीच मुस्लिम वोटों की लड़ाई यहां फिर से गरमाने की उम्मीद है। AIMIM की मौजूदगी ने इस लड़ाई को ओर रोचक बना दिया है।
- गोविंदगंज (पूर्वी चंपारण): पूर्वी और पश्चिमी चंपारण मिलाकर कुल 21 विधानसभा सीटें हैं- पूर्वी में 12 और पश्चिमी में 9। 2020 के चुनावी नतीजों ने बीजेपी ने यहां भारी अंतर से जीत हासिल की थी। 2025 में कांग्रेस पुरानी पकड़ वापस पाने की कोशिश कर रही है, जबकि बीजेपी के लिए यह सीट जीत का प्रतीक बनी हुई है। ऐसे में यहां साख की लड़ाई है।
- कदवा (कटिहार): सीमांचल की इस सीट पर बाढ़ और पलायन चुनावी गणित तय करते हैं। मुस्लिम बहुल सीट होने के बावजूद यहां जातीय समीकरण की राजनीति होती है। इस सीट पर कांग्रेस की पकड़ है मगर AIMIM की दखल से कांग्रेस का आधार कमजोर पड़ सकता है।
- रूपौली (पूर्णिया): दलबदल की राजनीति का सामने करने वाली इस सीट पर भी सबकी नजरें टिकी है। पूर्व विधायक बीमा भारती ने 2024 में जेडीयू छोड़ RJD ज्वाइन किया। अब जेडीयू के लिए अपनी ग्रामीण पकड़ बचाना चुनौती है। यह सीट तय करेगी कि मतदाता नेता की व्यक्तिगत वफादारी देखते हैं या पार्टी गठबंधन की।
- धमदाहा (पूर्णिया): इसे जेडीयू का गढ़ माना जाता है। मंत्री लेसी सिंह का मजबूत आधार इसे एनडीए के लिए सुरक्षित बनाता है। महागठबंधन की चुनौती सीमांचल में जेडीयू की पकड़ को तोड़ने की है। महिला नेतृत्व का प्रभाव भी यहां परखा जाएगा। वहीं, JDU इस सीट पर हर हाल में काबिज रहना चाहेगी।
- इमामगंज (गया): पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का गढ़ गया का इमामगंदज सीट है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। एक बार फिर मांझी की मांझी की प्रतिष्ठा दांव पर हैं। 2020 में HAM के जीतन राम मांझी ने राजद के उदय नारायण चौधरी को 16,000 से ज्यादा वोटों से हराया। 2024 में जीतन राम मांझी के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उपचुनाव में मांझी की बहू दीपा कुमारी ने यह सीट बरकरार रखी। अब जनसुराज की एंट्री के बाद मुकाबला रोचक हो गया है।
- कहलगांव (भागलपुर): दूसरे चरण की सबसे हॉट सीटों में एक है कहलगांव। यहां मुकाबला चौतरफ है। राजद-कांग्रेस का पुराना संघर्ष बिहार में महागठबंधन की एकता की परीक्षा है। यहां कांग्रेस के अपने समय के बड़े नेता सदानंद सिंह के पुत्र शुभानंद मुकेश JDU के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां महागठबंधन में भी फूट है तो JDU बागी से परेशान है।
- सुल्तानगंज (भागलपुर): सुल्तानगंज प्रसिद्ध अजगैबीनाथ मंदिर के की वजह से इसे बाबा नगरी के नाम से भी जाना जाता है। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीयू के बीच कांटे की टक्कर है। इस सीट पर JDU का दबदबा रहा है। पिछले चार चुनावों में सुल्तानगंज से लगातार चार बार जदयू के प्रत्याशी ने चुनाव जीत है।
- रामगढ़ (कैमूर): इस सीट को RJD का गढ़ माना जाता है। 2025 विधानसभा के चुनावी रण में पुराने उम्मीदवार आमने सामने हैं। बीजेपी से अशोक सिंह, बसपा से सतीश सिंह और राजद से अजीत सिंह चुनावी जंग में हैं। कैमूर जिले की चार सीटों पर एक अलग ही चुनावी जंग देखने को मिल रही है।
- दिनारा (रोहतास): रोहतास जिले की दिनारा विधानसभा सीट पर किसी भी किसी भी दल की लंबे समय तक पकड़ नहीं रही है। इस बार भी करीबी मुकाबले की संभावना है। 2020 में इस सीट पर आरजेडी के विजय कुमार मंडल ने एलजेपी के राजेंद्र प्रसाद सिंह को 7 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 10 November 2025 at 13:45 IST