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Updated April 16th, 2024 at 08:51 IST

Chaitra Navratri 2024 Maha Ashtami: महाअष्टमी आज, जानिए कन्या पूजन का मुहूर्त और तरीका

Chaitra Navratri 2024 Maha Ashtami: आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। ऐसे में आज के दिन कन्या पूजन करने के लिए ये दो मुहूर्त शुभ रहेंगे।

Reported by: Kajal .
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महाष्टमी 2024 | Image:Freepik
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Chaitra Navratri 2024 Maha Ashtami: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस साल मंगलवार, 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है, जिसमें भक्त मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए नौ दिनों तक उपवास भी करते हैं।

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना किए जाने का विधान है और इसके आठवें व नौवें दिन कन्या पूजन कर नवरात्रि उत्सव को सम्पन्न किया जाता है। महाअष्टमी को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आज यानी मंगलवार, 16 अप्रैल को नवरात्रि का आठवां दिन यानी महाष्टमी मनाई जा रही है। आज कई लोग कन्या पूजन कर नवरात्रि का समापन करते हैं।

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अगर आप भी महाष्टमी के दिन कन्या पूजन करने जा रहे हैं तो आपको इसके शुभ मुहूर्त और कन्या पूजन विधि के बारे में जान लेना चाहिए।

महाअष्टमी शुभ मुहूर्त (Mahashtami 2024 Shubh Muhurat)

इस बार अष्टमी तिथि 15 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करने के लिए 2 शुभ मुहूर्त हैं। जिसमें पहला मुहूर्त सुबह 7 बजकर 51 मिनट से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक है। इसके बाद दूसरा मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। ये दोनों ही मुहूर्त कन्या पूजन के लिए अति शुभ हैं।

चैत्र नवरात्रि 2024 कन्या पूजन विधि (Chaitra Navratri 2024 Kanya Puja Vidhi)

  • अष्टमी के दिन सबसे पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें।
  • इसके बाद स्नान आदि संपन्न कर कन्या  पूजन के लिए खाना बनाएं।
  • अब आप कन्याओं को अपने घर पर पूजन के लिए सम्मानपूर्वक आमंत्रित करें।
  • ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र 2 साल से 10 साल के बीच होनी चाहिए।
  • अब जैसे ही कन्याएं आपके घर पधारती हैं तो फूल और माला पहनाकर उनका स्वागत करें।
  • इसके बाद साफ पानी से उनके पैर धोएं।
  • अब कन्याओं के लिए तैयार किए गए आसन पर उन्हें बैठाएं और फिर हाथों में कलाव और माथे पर तिलक लगाएं।
  • कन्याओं के सिर पर लाल रंग की एक चुनरी रखें।
  • अब कन्याओं को भोजन में पूड़ी, हलवा, काले चने, खीर, नारियल, फल इत्यादि चीजों को एक थाली में सजाकर उन्हें परोसें।
  • इसके बाद कन्याओं से भोजन ग्रहण करने का आग्रह करें।
  • जब कन्याएं भोजन कर लें तो उन्हें उपहाल में किसी तरह की वस्तु या अपनी श्रद्धानुसार दक्षिणा आदि दें।
  • कन्याओं की विदाई करते समय उनके पैर छूकर उन्हें फिर आने का निमंत्रण देकर विदा करें। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published April 16th, 2024 at 08:31 IST

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