अपडेटेड 26 September 2025 at 14:46 IST

IAF Mig-21 Retirement: म्यूजियम में जाएंगे या फिर... 62 साल देश की सेवा करने के बाद मिग-21 फाइटर जेट्स हुए रिटायर

IAF Mig-21 Retirement: भारतीय वायुसेना का सबसे उम्रदराज फाइटर जेट मिग-21 अब रिटायर हो गया है। 26 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ में इसकी विदाई की गई।

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Mig-21 Retirement
Mig-21 Retirement | Image: X/@SWAC_IAF

IAF Mig-21 Retirement:  भारतीय वायुसेना का सबसे उम्रदराज फाइटर जेट मिग-21 अब रिटायर हो गया है। 26 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ में इसकी विदाई की गई। आपको बता दें कि ये 62 साल से देश की सेवा में लगा हुआ था।

इंडियन एयरफोर्स के मुताबिक, आखिरी स्क्वाड्रन यानी नंबर 23 (पैंथर्स) और नंबर 3 (कोब्रास) में करीब 28 मिग-21 बाइसन विमान शामिल थे। इनके रिटायरमेंट के बाद अब 29 फाइटर स्क्वाड्रन बच गए हैं।

अब सवाल ये है कि इन फाइटर जेट्स के साथ अब क्या होगा? आपको बता दें कि 62 सालों तक देश की रक्षा करने के बाद इन्हें जंकयार्ड में नहीं, बल्कि एक नए युग को मोटिवेट करने में इनका इस्तेमाल किया जाएगा।

मिग-21 के बारे में जानिए

मिग-21 सोवियत संघ का पहला सुपरसोनिक जेट था। इस फाइटर जेट ने 1965 और 1971 के युद्धों में भी अपनी बहादुरी का परिचय दिया था। इसके बाद 1999 के कारगिल युद्ध और 2019 के बालाकोट में भी मिग-21 ने दुश्मनों को पस्त कर दिया था। आपको बता दें कि इस फाइटर जेट के रिटायरमेंट से पहले चंडीगढ़ एयरबेस पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने आखिरी सोलो उड़ान भरी।

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Photo: X/@SWAC_IAF

अब मिग-21 के साथ क्या होगा?

रिटायरमेंट के बाद आखिरी स्क्वाड्रन यानी नंबर 23 (पैंथर्स) और नंबर 3 (कोब्रास) को नंबर प्लेटेड किया जाएगा। इसका मतलब है कि इन दोनों के नंबर को फ्रीज कर दिया जाएगा। अब जो भी विमान स्क्वाड्रन में आएगा, उसे इनके नामों से जाना जाएगा।

जांच और रिपोर्ट तैयार करने के बाद इस फाइटर जेट्स के जो भी पार्ट सही हैं और दोबारा इस्तेमाल किए जा सकते हैं, उन्हें निकालकर रख लिया जाएगा और बाकी को स्क्रैप कर दिया जाएगा। इसके बाद रिटायर्ड पार्ट्स इंजीनियर कॉलेजों को ऑफर किए जा सकते हैं।

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ये भी बताया जा रहा है कि इस फाइटर जेट्स को ट्रेनिंग के लिए आर्मी म्यूजियम या वॉर मेमोरियल में रखा जा सकता है। इसके बाद अगर कोई आम नागरिक इसे डिस्प्ले के लिए लेना चाहे तो उसे वायुसेना के हेडक्वार्टर में आवेदन देना होगा।

आवेदन देने के बाद क्या होगा?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आवेदन करने वालों की एक लिस्ट बनाई जाएगी और फिर ये देखा जाएगा कि आवेदनकर्ताओं में कौन इसके योग्य है और कौन नहीं। आपको बता दें कि एयरफोर्स के स्टैंडर्ड के मुताबिक ही जेट के फ्रेम्स दिए जा सकते हैं। आपने ऐसे रिटायर्ड जेट्स को किसी बड़ी यूनिवर्सिटी, इंडस्ट्री या सरकारी बिल्डिंग्स में डिस्प्ले के तौर पर देखा होगा।

एयरफोर्स के मुताबिक, जो भी यूनिवर्सिटी या इंडस्ट्री ऐसे एयरफ्रेम लेंगे, उन्हें इसके रखरखाव का ध्यान रखना होगा। वो विमान का रंग नहीं बदल सकते। उन्हें वही रंग रखना होगा तो वायुसेना का है।

टारगेट ड्रोन्स में बदला जाएगा

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ फाइटर जेट्स को सुपरसोनिक ड्रोन्स में बदला जा सकता है। इसे रियल कॉम्बैट ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसके अलावा अगर हम मिग-21 के पायलटों की बात करें, तो वो अपनी स्ट्रीम को मनचाहे रूप से बदलने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं। फ्लाइंग स्ट्रीम में फाइटर, फिक्स्ड विंग ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर पायलट होते हैं। ऐसे में फाइटर पायलट को ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर स्ट्रीम में से चुनने की आजादी है।

चूंकि, मिग-21 अब रिटायर हो गया है तो उसके फाइटर अब अपना स्ट्रीम बदलने के लिए स्वतंत्र होंगे। अगर मिग फाइटर जेट्स के पायलट को कोई दूसरा फाइटर चुनना होगा, तो उन्हें स्ट्रीम बदलने के लिए 3 से 6 महीने की प्राइमरी ट्रेनिंग करनी होगी। 

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 26 September 2025 at 14:46 IST