अपडेटेड 23 August 2025 at 19:13 IST
EXPLAINER/ भारत में अमेरिका के नए राजदूत सर्जियो गोर कौन हैं? एलन मस्क ने 'सांप' बोलकर मचाया था बवाल, पाकिस्तान का एंगल समझिए
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने करीबी सहयोगी सर्जियो गोर को भारत में अगले अमेरिकी राजदूत के रूप में नामित किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने करीबी सहयोगी सर्जियो गोर को भारत में अगले अमेरिकी राजदूत के रूप में नामित किया है। हालांकि, गोर की नियुक्ति सिर्फ जियोपॉलिटिक्स ही नहीं, बल्कि उससे कहीं बड़ी वजह के लिए सुर्खियां बटोर रही है। आपको बता दें कि गोर का एलन मस्क के साथ भी इतिहास रहा है। इस साल जून में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने सार्वजनिक रूप से गोर को 'सांप' करार दिया था।
सर्जियो गोर इस वक्त ट्रंप प्रशासन में हेड ऑफ प्रेसिडेंशियल पर्सनल अपॉइंटमेंट्स के पद पर तैनात हैं। आपको बता दें कि गोर की नियुक्ति ऐसे समय पर हो रही है, जब अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया है।
कौन हैं सर्जियो गोर?
सर्जियो गोर का जन्म उज्बेकिस्तान में हुआ था। बाद में वो माल्टा के रास्ते अमेरिका चले गए और 1999 में अमेरिकी नागरिक बन गए। उन्होंने खुद को जल्दी से राजनीतिक हलकों में शामिल कर लिया और रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के साथ काम किया। गोर ने दूर-दराज के सांसदों के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया। आपको बता दें कि अमेरिकी मीडिया के एक आर्टिकल में आरोप लगाया गया था कि गोर, जिन पर व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के निदेशक के रूप में हजारों संघीय कर्मचारियों की जांच की जिम्मेदारी है, ने खुद अपनी स्थायी सुरक्षा मंजूरी संबंधी कागजी कार्रवाई पूरी नहीं की थी। हालांकि, व्हाइट हाउस ने इस दावे का खंडन किया था, लेकिन मस्क ने इस आर्टिकल को शेयर करते हुए लिखा था- "वह एक सांप है।"
बताया जाता है कि मस्क का कमेंट सिर्फ उस आर्टिकल के संबंध में नहीं था। दोनों के बीच कथित तौर पर कैबिनेट बैठकों के दौरान झड़प भी हुई थी। असल में, एलन मस्क और सर्जियो गोर के बीच तनाव कई महीनों से चुपचाप बढ़ रहा था। इसका कारण ये भी था कि जब मस्क DOGE के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे, तब उनके बढ़ते प्रभाव ने कथित तौर पर कई वरिष्ठ सलाहकारों को परेशान कर दिया था।
क्या भारत को चिंता करनी चाहिए?
गोर का नाम ऐसे समय में सामने आया है, जब भारत और अमेरिका के बीच पहले से तनाव चल रहा है। इसके अलावा, पहली बार किसी अमेरिकी राजदूत को भारत में स्पेशल एन्वॉय की जिम्मेदारी भी दी गई है। इसका मतलब है कि उनके पास पूरे दक्षिण और मध्य एशिया की भी जिम्मेदारी होगी, जिससे ये साफ है कि सर्जियो गोर अब तक के सबसे पावरफुल अमेरिकी राजदूत होंगे।
भारत ने हमेशा से विरोध किया है कि भारत को पाकिस्तान के साथ हाइफनेट ना किया जाए। हालांकि, गोर पाकिस्तान समेत भारत के लगभग सभी पड़ोसियों के साथ अमेरिकी संबंधों पर करीब से नजर रखेंगे। इससे पहले जब 2009 में अमेरिकी राजनयिक रिचर्ड होलब्रुक को भारत-पाक मामलों का विशेष दूत बनाया गया था, तब भारत ने इसका विरोध किया था। दिक्कत ये है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बार ऐसी स्थिति बना दी है कि भारत इसका सीधा विरोध नहीं कर सकता, जो चिंता का विषय है। आपको बता दें कि सर्जियो गोर ट्रंप के 'राइट हैंड' भी माने जाते हैं।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 23 August 2025 at 19:13 IST