अपडेटेड 28 September 2025 at 10:28 IST
खामेनई को ऐसा मजबूर कर देंगे ट्रंप... UN ने ईरान पर फिर लगाया 10 साल पुराना प्रतिबंध, अमेरिका के बयान से तेहरान का पारा होगा हाई!
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने ईरान पर एक बार फिर 10 साल पुराना प्रतिबंध लगा दिया है। आपको बता दें कि 10 साल पहले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर हुए समझौते के बाद ये प्रतिबंध हटा लिए गए थे।
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने ईरान पर एक बार फिर 10 साल पुराना प्रतिबंध लगा दिया है। आपको बता दें कि 10 साल पहले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर हुए समझौते के बाद ये प्रतिबंध हटा लिए गए थे।
ईरान पर लगाए गए इस बैन को तेहरान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि इस प्रतिबंध से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तो नुकसान पहुंचेगा ही, साथ ही उसकी अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ेगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए अपील की है इन प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से लागू किए जाएं। साथ ही उन्होंने ये भी चेतावनी दी है कि अगर ईरान अब भी बातचीत के लिए नहीं माना तो प्रतिबंध और भी कड़े किए जाएंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री का पूरा बयान
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने प्रेस स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा-
आज शाम 8:00 बजे पूर्वी मानक समय (EDT) पर संयुक्त राष्ट्र ने ईरान द्वारा अपनी परमाणु प्रतिबद्धताओं को लगातार "पूरा न करने" के आधार पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के छह प्रस्तावों - 1696, 1737, 1747, 1803, 1835 और 1929 - के तहत प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया। इनके एक बार फिर सक्रिय होने से 28 अगस्त, 2025 को शुरू हुई स्नैपबैक प्रक्रिया समाप्त हो गई है, जो फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम की ओर से निर्णायक वैश्विक नेतृत्व का एक कार्य है।
दोबारा लागू किए गए प्रस्तावों के प्रावधान ईरान के परमाणु, बैलिस्टिक मिसाइल, पारंपरिक हथियारों और अन्य गतिविधियों से पैदा हुए खतरों को संबोधित करते हैं। विशेष रूप से इनमें ईरान से यूरेनियम संवर्धन, भारी जल संबंधी गतिविधियों को निलंबित करने, ईरान को बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने, ईरान को पारंपरिक हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने, लिस्टेड व्यक्तियों और संस्थाओं पर यात्रा प्रतिबंध और वैश्विक संपत्ति फ्रीज को फिर से लागू करने की आवश्यकता है, और ईरान द्वारा सरकारी और गैर-सरकारी तत्वों को ट्रांसफर किए जा रहे हथियारों और अन्य प्रतिबंधित माल को जब्त करने का अधिकार देता है।
19 सितंबर को सुरक्षा परिषद द्वारा इन प्रतिबंधों को बहाल करने का निर्णय, जिसको 26 सितंबर को दोबारा कन्फर्म किया गया, एक स्पष्ट संदेश देता है कि दुनिया धमकियों और आधे-अधूरे उपायों के आगे नहीं झुकेगी और तेहरान को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
मार्को रुबिया के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि कूटनीति अभी भी एक विकल्प है। ईरानी लोगों और दुनिया के लिए एक समझौता ही सबसे अच्छा परिणाम है। ऐसा होने के लिए ईरान को बिना किसी रुकावट या अस्पष्टता के सीधी बातचीत को स्वीकार करना होगा। ऐसे किसी समझौते के अभाव में साझेदारों का यह दायित्व है कि वे ईरान के नेताओं पर अपने राष्ट्र के लिए और दुनिया की सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम कार्य करने का दबाव बनाने के लिए तुरंत तत्काल प्रतिबंध लागू करें।
ईरान की प्रतिक्रिया
इस दौरान रूस और चीन ने इन प्रतिबंधों को टालने की कोशिश की, लेकिन उन्हें समर्थन नहीं मिल पाया है। रूस ने साफ शब्दों में कहा कि वो इन प्रतिबंधों को लागू नहीं करेगा। वहीं, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने इन प्रतिबंधों पर अपना बयान जारी करते हुए इन्हें अनुचित और अस्वीकार्य बताया है।
उन्होंने इस पर ट्रंप के साथ हुई बातचीत के बारे में बताते हुए कहा कि अमेरिका उनसे पूरा एनरिच्ड यूरेनियम भंडार मांग रहा था और उसके बदले तीन महीने छूट की बात कर रहा था। ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि ये कतई संभव नहीं हो सकता है।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 28 September 2025 at 10:28 IST