अपडेटेड 24 August 2025 at 17:25 IST
टैरिफ वॉर के बीच भारत के पड़ोसी का बड़ा दांव, जिस दुर्लभ खनिज के लिए चीन के सामने झुक गए थे ट्रंप, अब जिनपिंग ने उसी पर कसा शिकंजा!
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अब ऐसा दांव चल दिया है, जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टेंशन बढ़नी तय मानी जा रही है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अब ऐसा दांव चल दिया है, जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टेंशन बढ़नी तय है। जानकारी मिल रही है कि चीन ने दुर्लभ मृदा खनन और प्रोसेसिंग पर कड़े नियमों का ऐलान किया है। ये नियम विदेशों से आने वाले खनिजों पर भी लागू होंगे।
आपको बता दें कि राष्ट्रपति की कुर्सी पर वापस आने के बाद ट्रंप ने चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाया था। इसके बाद चीन ने अमेरिका पर दूसरी तरफ से शिकंजा कसना शुरू किया। अमेरिकी मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग ने अमेरिका को दुर्लभ खनिजों की सप्लाई रोक दी। इसके बाद ट्रंप झुक गए, और उन्होंने तुरंत टैरिफ को घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया।
क्या कहते हैं नए नियम?
नए नियम के अनुसार, कंपनियों को खनिजों के लिए अब निर्धारित कोटे का पालन करना होगा। इसके अलावा, दुर्लभ खनिजों के लिए सरकारी अनुमति जरूरी होगी। इतना ही नहीं, दुर्लभ खनिज उत्पादों की मात्रा की सही जानकारी देनी होगी। अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उनके दुर्लभ खनिज कोटे में कटौती की जा सकती है।
आपको बता दें कि चीन के इस कदम से अमेरिका की टेंशन बढ़ने वाली है। जानकारों का मानना है कि चीन ने अमेरिकी टैरिफ से परेशान होकर दुर्लभ खनिज के लिए नए नियमों की घोषणा की है।
रेयर अर्थ में चीन का दबदबा
रेयर अर्थ प्रोसेसिंग में दुनियाभर में चीन का दबदबा है। आपको बता दें कि दुनिया के 90 प्रतिशत रेयर अर्थ की आपूर्ति चीन करता है। जानकारों के मुताबिक, चीन के पास दुनिया के रेयर अर्थ का आधा हिस्सा है। सबसे बड़ी बात ये है कि जिस तकनीक से रेयर अर्थ का शोधन होता है, उसका कंट्रोल चीन के पास है, और चीन इस तकनीक का निर्यात नहीं करता। ऐसे में इसपर उसका एकाधिकार है, जिसके कारण अमेरिका को भी चीन की जरूरत है।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 24 August 2025 at 17:25 IST