अपडेटेड 4 August 2025 at 23:28 IST

रूस ने Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट से दिखाया तबाही का ट्रेलर, भारत का ललचाया मन तो डोनाल्ड ट्रंप को फिर लगेगी मिर्ची!

पुतिन ने Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट के जरिए हाइपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट किया है, जिसने दुनियाभर के शक्तिशाली देशों की नींदें उड़ा दी हैं।

डोनाल्ड ट्रंप-पुतिन | Image: ANI/Freepik

रूस ने एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'सपने' को चुनौती दी है। व्लादिमीर पुतिन ने Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट के जरिए हाइपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट किया है, जिसने दुनियाभर के शक्तिशाली देशों की नींदें उड़ा दी हैं। आपको बता दें कि इस परीक्षण को वर्ल्ड मीडिया 'तबाही का ट्रेलर' के रूप में भी परिभाषित कर रही है।

रूसी एयरोस्पेस फोर्सेज के चीफ ऑफ द मेन स्टाफ और फर्स्ट डिप्टी कमांडर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अलेक्जेंडर मकसिमत्सेव ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि Su-57 फाइटर जेट को अब हाइपरसोनिक मिसाइलों से लैस कर दिया गया है। इसका मतलब सीधा है कि डोनाल्ड ट्रंप के ड्रीम प्रोजेक्ट F-47 को सीधी चुनौती देने से पुतिन पीछे नहीं हटने वाले हैं।

जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल से लैस हुआ Su-57

जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल को 2023 में रूसी नौसेना में शामिल किया गया था। रूस ने पनडुब्बियों को भी जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल से लैस किया है। आपको बता दें कि इस मिसाइल की स्पीड Mach 9 यानी 11000 किमी प्रति घंटे है और स्ट्राइक रेंज 1000 किमी है। इतना ही नहीं, ये किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम की आंखों में धूल झोंक सकता है।

अमेरिका इस मायने में भी रूस से काफी पीछे चल रहा है। उसकी सबसे तेज SM-6 मिसाइल की रफ्तार 3.5 Mach और रेंज केवल 450 किमी तक सीमित है। वहीं, चीन का दावा है कि उसकी YJ-21 मिसाइल की रेंज 1000 किमी और स्पीड Mach 9 है।

अब 'महाविनाशक' होगा ये फाइटर जेट

Su-57 पहले से ही खतरनाक फाइटर जेट में गिना जाता है। अब जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल से लैस होने के बाद ये 'महाविनाशक' हो गया है। जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल को Su-57 के इंटरनल वेपन बे में इंटीग्रेट किया गया है, जिसकी वजह से एयर डिफेंस या रडार को इसे इंटरसेप्ट करने में बहुत मुश्किल आएगी। आपको बता दें कि इससे पहले अक्तूबर 2023 में रूसी मीडिया ने दावा किया था कि मॉस्को ने Kh-101/102 पर आधारित क्रूज मिसाइल का टेस्ट किया है, जिसकी रेंज 3500 किमी है।

क्या भारत का ललचाएगा मन?

अमेरिका और रूस के बीच चल रही तकरार भारत के लिए भी सिरदर्द बन रही है। हालांकि, फाइटर जेट और डिफेंस के मामले में भी भारत राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है। पिछले दिनों अमेरिका ने भारत को F-35 खरीदने के लिए बहुत मनाया, लेकिन भारत ने बिना सोचे फैसला लेने से साफ मना कर दिया। उधर, पुतिन भी चाहते हैं कि भारत उनके फाइटर जेट्स खरीदे।

अगर कोई भारत की डिप्लोमेसी को फॉलो करता है, तो इतना तो समझना आसान ही है कि भारत इमोशनल होकर या दबाव में आकर फैसले नहीं लेता है, बल्कि उसके हर फैसले के पीछे गहरी रणनीति होती है। ऐसे में Su-57 को लेकर भारत का मन ललचा तो जरूर सकता है, लेकिन भारत उसे खरीदने का फैसला तभी करेगा, जब वो अच्छे से समझ ले कि देश के लिए क्या बेहतर होगा। 

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 4 August 2025 at 23:28 IST