अपडेटेड 2 September 2025 at 22:26 IST
एक तो करेला दूसरा नीम चढ़ा... पाकिस्तान के साथ गलबहियां करने वाले इस देश को नहीं मिली SCO की सदस्यता तो भारत के खिलाफ उगल रहा जहर
SCO समिट के लिए चीन पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अलीयेव ने सोमवार को यहां मुलाकात की। शरीफ ने भारत के साथ सैन्य टकराव के दौरान अजरबैजान से मिले समर्थन के लिए अलीयेव का आभार व्यक्त किया।
चीन में हुई शंघाई सहयोग संगठन यानी SCO समिट के दौरान कई ऐसी चीजें हुईं, जो चर्चा का विषय बन गईं। इस दौरान भारत इन चर्चाओं का केंद्र रहा। चाहे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय बैठक हो, या रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी केमिस्ट्री, अमेरिका से लेकर चीन तक के न्यूजपेपर में भारत का दबदबा साफ नजर आया। हालांकि, इस दौरान पाकिस्तान के एक 'जिगरी दोस्त' को भारत का ये दबदबा पसंद नहीं आया।
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने आरोप लगा दिया कि भारत, पाकिस्तान के साथ उसके घनिष्ठ संबंधों के कारण ग्लोबल मंच पर बाकू से 'बदला' लेना चाहता है। आपको बता दें कि ये वही अजरबैजान है, जिसने पिछले दिनों भारत-पाकिस्तान टकराव के दौरान खुलकर पाकिस्तान का समर्थन करने का ऐलान किया था।
एससीओ बैठक के लिए चीन पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अलीयेव ने सोमवार को यहां मुलाकात की। इस दौरान शरीफ ने भारत के साथ सैन्य टकराव के दौरान अजरबैजान से मिले समर्थन के लिए अलीयेव का आभार व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने त्रिपक्षीय अजरबैजान-तुर्की-पाकिस्तान साझेदारी पर भी जोर दिया।
भारत हमारे साथ गलत कर रहा है: अलीयेव
अलीयेव ने शहबाज से कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की कार्रवाई हमारे खिलाफ है। हालांकि, इसके बावजूद, अजरबैजान इस्लामाबाद के साथ अपने संबंधों में भाईचारे को प्राथमिकता देता है। वह पाकिस्तान के साथ अपनी दोस्ती बढ़ाने के लिए काम करता रहेगा। अलीयेव ने जोर देकर कहा कि अजरबैजान और पाकिस्तान के बीच साझेदारी राजनीतिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों पर आधारित है। तुर्की के न्यूजपेपर के अनुसार, उन्होंने दावा किया कि वैश्विक मंचों पर नई दिल्ली की कार्रवाई के बावजूद, बाकू इस्लामाबाद के साथ "भाईचारे" को प्राथमिकता देगा।
अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच लंबे समय से तनाव
अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। इसमें अजरबैजान को पाकिस्तान और आर्मेनिया को भारत का समर्थन मिलता रहा है। अजरबैजान पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करता रहा है। साथ ही, वह भारत द्वारा आर्मेनिया को दिए जा रहे समर्थन पर नाराजगी भी जताता रहा है। अजरबैजान का कहना है कि भारत वैश्विक मंचों पर उसकी उपस्थिति कमजोर करना चाहता है।
शहबाज शरीफ ने अलीयेव के साथ अपनी मुलाकात में आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच शांति समझौते पर भी चर्चा की। उन्होंने शांति प्रक्रिया में प्रगति के लिए अलीयेव को बधाई दी। अलीयेव ने कहा कि दक्षिण काकेशस में स्थायी स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच शांति जरूरी है। डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 2 September 2025 at 22:26 IST