अपडेटेड 23 September 2025 at 06:22 IST
25% अतिरिक्त टैरिफ, H-1B वीजा, चाबहार पोर्ट... अमेरिकी विदेश मंत्री से जयशंकर ने किन मुद्दों पर की बात?
न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मुलाकात ऐसे वक्त में हुई जब भारत-अमेरिका रिश्तों पर नए बादल मंडरा रहे हैं।
न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मुलाकात ऐसे वक्त में हुई जब भारत-अमेरिका रिश्तों पर नए बादल मंडरा रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने, एच1-बी वीजा नियमों को कड़ा करने और ईरान के चाबहार बंदरगाह को दी गई छूट वापस लेने जैसे फैसले लिए हैं। इन कदमों को भारत के आर्थिक और सामरिक हितों पर सीधा असर डालने वाला माना जा रहा है।
यह बैठक इसलिए और अहम थी क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने नई एच1-बी वीजा नीति के तहत हर नए आवेदन पर एक लाख डॉलर शुल्क लागू कर दिया है। इसका बोझ भारतीय आईटी पेशेवरों और अमेरिका में काम पाने की कोशिश कर रहे युवाओं पर साफ दिखाई देगा। वहीं, चाबहार से छूट हटाने का मतलब है कि अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक भारत की रणनीतिक पहुंच पर भी अब दबाव बढ़ेगा।
विदेश मंत्री जयशंकर ने क्या बताया?
बैठक के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मुलाकात में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई और संवाद को बनाए रखने की अहमियत पर सहमति बनी। यह बयान इस ओर इशारा करता है कि भारत ने अमेरिकी विदेश मंत्री के सामने अपने सभी प्रमुख मसले रखे और साफ संकेत दिया कि मौजूदा नीतिगत फैसलों से भारत की चिंताएं बढ़ी हैं।
यह 2025 में दोनों नेताओं की तीसरी मुलाकात थी, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए सबसे संवेदनशील। दरअसल, टैरिफ बढ़ने से भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर दबाव है और वीजा शुल्क का असर सीधे उन पेशेवरों पर पड़ेगा जो अमेरिकी कंपनियों की रीढ़ माने जाते हैं।
व्यापार समझौते पर बातचीत
ठीक इसी पृष्ठभूमि में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत भी शुरू होने जा रही है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क पहुंच चुका है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि दोनों पक्ष एक ऐसे समझौते की दिशा में बढ़ रहे हैं जो दोनों देशों के आर्थिक हितों को संतुलित कर सके। 16 सितंबर को अमेरिकी प्रतिनिधियों की भारत यात्रा के दौरान इस पर सकारात्मक चर्चा हुई थी और अब कोशिश है कि बातचीत जल्द नतीजे तक पहुंचे।
जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का पक्ष रखने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे हैं। इस दौरान वे कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगे और 27 सितंबर को महासभा की आम बहस में भारत का आधिकारिक वक्तव्य देंगे।
भारत-अमेरिका रिश्ते इस समय एक अहम मोड़ पर खड़े हैं। जहां कड़े कदम और नए मसले तनाव बढ़ा रहे हैं, वहीं कूटनीति की जरूरत पहले से ज्यादा महसूस हो रही है। जयशंकर और रुबियो की यह मुलाकात इसी कोशिश का हिस्सा है कि मतभेदों के बीच भी संवाद की राह बंद न हो।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 23 September 2025 at 06:22 IST