अपडेटेड 5 August 2024 at 10:02 IST

केदारनाथ में डॉग स्क्वायड से सर्च ऑपरेशन जारी, 100 और लोगों को शेरसी हेलीपैड उतारा

केदारनाथ धाम यात्रा वाले रास्ते पर रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन आज पांचवे दिन भी जारी है, स्निफर डॉग (Sniffer Dog) की मदद से रामबाड़ा से भीमबली तक सर्च जारी है।

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डॉग स्क्वायड से सर्च ऑपरेशन जारी | Image: Republic

Search Operation with Sniffer Dog in Kedarnath: केदारनाथ धाम यात्रा वाले रास्ते पर रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन आज पांचवे दिन भी जारी है, स्निफर डॉग (Sniffer Dog) की मदद से लिनचोली से रामबाड़ा क्षेत्र तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया जिसमें, अब तक किसी व्यक्ति के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है।

डॉग स्क्वायड रामबाड़ा से भीमबली क्षेत्र में फिलहाल सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। वहीं सोमवार सुबह 100 लोगों को सुरक्षा बलों की देखरेख में केदारनाथ धाम से लिनचोली हेलीपैड के लिए रवाना कर दिया गया, इन यात्रियों को लिनचोली से एयरलिफ्ट कर शेरसी हेलीपैड पर उतारा गया। इसके अलावा NDRF की टीमें जंगल और मंदाकिनी नदी के आसपास भी लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं।

100 से ज्यादा यात्रियों को किया रवाना

उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि ‘अब सिर्फ केदारनाथ में कुछ ही यात्री बचे हैं। उन्होंने बताया कि फंसे लोगों को निकालने के लिए अभियान जारी है।’ बता दें  फिलहाल 100 से ज्यादा यात्रियों को वहां से रवाना करने की खबर आ रही है। सोमवार सुबह सुबह 100 लोगों को सुरक्षा बलों की देखरेख में केदारनाथ धाम से लिनचोली हेलीपैड के लिए रवाना कर दिया गया है। इन यात्रियों को लिनचोली से एयरलिफ्ट कर शेरसी हेलीपैड पर उतारा गया।

SDRF, बचाव दलों और NDRF ने यात्रियों को निकाला

इसके अलावा, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और बाकी बचाव दलों ने यात्रियों को वैकल्पिक रास्तों से भी बाहर निकाला है। विनोद कुमार सुमन ने बताया कि केदारनाथ और गौरीकुंड में अब सिर्फ तीर्थ पुरोहित, दुकानदार, घोड़ा और पालकी संचालक रह रहे हैं और अगर वे आना चाहेंगे तो उन्हें भी वहां से बाहर निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि सोनप्रयाग, सिरसी, चौमासी, चारधाम हेलीपैड, केदारनाथ हेलीपैड पर लोगों के लिए खाने, पानी और ठहरने की व्यवस्था की गयी है।

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खोजी कुत्तों की मदद से सर्च ऑपरेशन जारी 

बता दें पिछले बुधवार (31 जुलाई) बादल फटने से केदारनाथ पैदल रास्ते पर लिंचोली, भीमबली, घोड़ापड़ाव और रामबाड़ा सहित कई स्थानों पर मार्ग बह गया था और बाकी जगहों पर पहाड़ी से भूस्खलन और बड़े-बड़े पत्थर आने से मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे जगह-जगह पर श्रद्धालु फंस गए थे। इस बीच, केदारनाथ नेशनल हाईवे पर सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच बह गए मार्ग पर सेना की ओर से पैदल पुल को फिर से बनाने के लिए निर्माण शुरू कर दिया गया है। उधर, रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान में दो खोजी कुत्तों की मदद भी ली जा रही है।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 5 August 2024 at 10:02 IST