अपडेटेड 27 July 2024 at 10:19 IST

कौन हैं शांति धारीवाल, जिन्होंने सदन में दी स्पीकर को गाली;कभी गहलोत के लिए हाईकमान से लिया था पंगा?

Rajasthan News: राजस्थान की सियासत में शांति धारीवाल का नाम बड़े राजनेताओं में गिना जाता है। वो कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं और पूर्व मंत्री भी।

Follow :  
×

Share


शांति धारीवाल और अशोक गहलोत | Image: facebook

Shanti Kumar Dhariwal: शांति धारीवाल की राजस्थान (Rajasthan) की राजनीति में धमक का अंदाजा शायद विधानसभा के अंदर उनकी भाषा से लग चुका होगा। शांति धारीवाल राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Vidhan Sabha) में अपना भाषण दे रहे थे, जिनमें बार-बार असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल उन्होंने खूब किया। कभी अफसरों को गालियां दीं, कभी सामने बैठे मंत्रियों को पाठ पढ़ा रहे थे। हद तो तब हो गई थी, जब शांति धारीवाल ने विधानसभा में सभापति की कुर्सी पर बैठे संदीप शर्मा (Chairman Sandeep Sharma) को ही गाली दे डाली। इतना ही नहीं शांति धारीवाल सदन के अंदर ही स्पीकर के लिए धमकी भरे शब्दों का भी इस्तेमाल करने लगे थे। खैर, ये बात अलग है कि उनके बोलने का अंदाज मजाकिया था, लेकिन इसको भी समझना होगा कि वो सदन था, जहां खड़े होकर उन्होंने अपशब्दों का इस्तेमाल किया।

कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने विधानसभा में यूडीएच की अनुदान मांगों पर बोलते हुए 3 बार अपशब्दों का इस्तेमाल किया। हद तो तब हो गई जब सभापति संदीप शर्मा के जल्द बात पूरी करने की कहने पर उनके लिए कांग्रेस विधायक ने सड़कछाप भाषा का इस्तेमाल किया और कह दिया कि कोटा में रहना है कि नहीं? धारीवाल ने पहली बार कांग्रेस सरकार में हुई गड़बड़ियों के आरोप पर पलटवार करते हुए भी अपशब्द बोले। फिर फर्जी पट्टे जारी करने के मामले में अपशब्दों का इस्तेमाल किया। तीसरी बार उन्होंने सदन की मर्यादाओं को पार करते हुए सभापति संदीप शर्मा को अपशब्द कह डाले।

कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल (Image: Video Grab/ Rajasthan Assembly)

राजस्थान के बड़े नेताओं में शुमार हैं धारीवाल

राजस्थान की सियासत में शांति धारीवाल का नाम बड़े राजनेताओं में गिना जाता है। वो कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं। 29 अक्टूबर 1943 जन्मे शांति धारीवाल पिछली कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। वो कोटा उत्तर से 3 बार विधायक रहे हैं। पिछले साल हुए चुनाव में भी उन्होंने कोटा उत्तर को बरकरार रखा। इसके अलावा वो कांग्रेस के सदस्य के रूप में कोटा लोकसभा से एक बार सांसद भी रहे।

यह भी पढ़ें: बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री की दिल्ली में अहम बैठक

जब गहलोत के लिए हाईकमान से ले लिया पंगा?

शांति धारीवाल की धमक कांग्रेस के भीतर भी इतनी है कि उन्होंने सीधे पार्टी हाईकमान से ही पंगा ले लिया था। उनकी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सिपहसालार के रूप में गिनती होती रही है और सब जानते हैं कि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार पर अंदरखाने कई बार खतरा आया था। हालांकि एक बार गहलोत सरकार पर आए खतरा को टालने में शांति धारीवाल की भी बड़ी भूमिका थी। उस वक्त शांति धारीवाल ने अशोक गहलोत के लिए बैटिंग की थी।

अशोक गहलोत और शांति धारीवाल (Image: Facebook)

मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन उस समय पर्यवेक्षक थे, जब राजस्थान कांग्रेस में भूचाल आया हुआ था। हाईकमान ने दिल्ली से पर्यवेक्षकों को राजस्थान में विधायकों के साथ बैठक करने के लिए भेजा था। चर्चाएं थी कि अशोक गहलोत को उनके पद से हटाकर पार्टी का प्रमुख बनाया जा सकता है। हालांकि धारीवाल ने जो दांव चला, वो एक तरीके से पार्टी आलाकमान के खिलाफ विद्रोह था। शांति धारीवाल ने अशोक गहलोत खेमे के लगभग 80 विधायकों को अपने आवास पर जुटा लिया था और ऐसे में दिल्ली से आए पर्यवेक्षक बिना किसी बैठक के वहां से लौटने पर मजबूर हो गए थे। हाईकमान से नाराजगी मोल लेकर धारीवाल ने अशोक गहलोत के प्रति अपनी वफादारी का ठोस सबूत दिया था। नतीजन उस समय गहलोत के ऊपर से वो बड़ा खतरा टल पाया था।

राजस्थान में बदली है सरकार

खैर, ये अलग है कि राजस्थान में पिछले साल सरकार बदल गई। राज्य की जनता ने सत्ता परिवर्तन की परंपरा को बरकरार रखते हुए भारतीय जनता पार्टी को जनादेश दिया। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में बीजेपी को 115 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस 70 सीटों पर ही सिमट गई थी। हालांकि शांति धारीवाल कांग्रेस में होते हुए भी अपनी सीट बरकरार रख पाए हैं। फिलहाल उनका सदन के अंदर अपशब्दों का इस्तेमाल और उनका धमकीभरा अंदाज सुर्खियों में है।

यह भी पढ़ें: सियासी पारी खेलेंगे महाराष्ट्र के पूर्व DGP संजय पांडे, किया चुनाव लड़ने का ऐलान

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 27 July 2024 at 10:19 IST