अपडेटेड 5 September 2025 at 15:48 IST
'निर्दोष लोगों की मौत बिल्कुल स्वीकार नहीं...', UN में यूक्रेन युद्ध पर भारत की दो टूक; ट्रंप-पुतिन पर भी दिया बयान
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने एक बार फिर रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा है कि भारत उस हर कोशिश में अपनी भागीदारी निभाएगा, जो शांति की ओर जाता हो।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने एक बार फिर रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा है कि भारत उस हर कोशिश में अपनी भागीदारी निभाएगा, जो शांति की ओर जाता हो।
इससे पहले चीन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कार में करीब 1.30 तक बात हुई थी। अलास्का बैठक से लेकर अब तक यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी कई बार पीएम मोदी से फोन पर बातचीत कर चुके हैं। इसके अलावा यूरोपीय देशों को भी लगता है कि यूक्रेन युद्ध में भारत ही शांति का समाधान निकाल सकता है।
UN में भारत ने क्या कहा?
पी. हरीश ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा, "भारत यूक्रेन की स्थिति को लेकर लगातार चिंतित है। हम मानते हैं कि निर्दोष लोगों की मौत अस्वीकार्य है। किसी भी संघर्ष का समाधान रणभूमि पर नहीं, बल्कि संवाद के जरिए निकलना चाहिए।’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को भी दोहराया, जिसमें कहा गया था- "यह युद्ध का युग नहीं है।"
संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि ने ट्रंप और पुतिन की बैठक पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि हम इस दिशा में हाल की सकारात्मक प्रगति का स्वागत करते हैं। हमने ट्रंप और पुतिन के बीच अलास्का में हुए शिखर सम्मेलन का समर्थन किया। हम उस सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करते हैं। साथ ही, वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से यूक्रेन के राष्ट्रपति और यूरोपीय नेताओं से हुई बातचीत को भी अहम मानते हैं।
EU की अध्यक्ष बोलीं- रूस की आक्रामकता को
इससे पहले उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने एक्स पर अपने एक पोस्ट में पीएम मोदी से हुई बातचीत की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके खुशी हुई। हम राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ भारत के निरंतर सहयोग का हार्दिक स्वागत करते हैं। रूस को उसके आक्रामक युद्ध को समाप्त करने और शांति की राह बनाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह युद्ध वैश्विक सुरक्षा के लिए हानिकारक है और आर्थिक स्थिरता को कमजोर करता है। इसलिए यह पूरी दुनिया के लिए एक जोखिम है।"
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 5 September 2025 at 15:48 IST