अपडेटेड 14 September 2025 at 17:10 IST

पाकिस्तान के आतंक पर भारत का प्रहार, हिजबुल मुजाहिद्दीन के तीन आतंकियों के पास मिला युद्ध जैसा जखीरा; क्या रची जा रही थी कोई बड़ी साजिश?

पुंछ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुंछ के मंडी इलाके में हिजबुल मुजाहिद्दीन समर्थित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है।

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बरामद किए गए हथियार | Image: Republic

पुंछ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुंछ के मंडी इलाके में हिजबुल मुजाहिद्दीन समर्थित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। इस दौरान पुलिस ने 3 आतंकी समर्थकों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम तारिक, रियाज और शफी बताए जा रहे हैं।

पुंछ पुलिस ने आतंकियों के पास से 7 एके राइफलें, 16 मैगजीन और बड़ी मात्रा में युद्ध सामग्री बरामद की है। आपको बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियों ने मिलकर एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया था। दिल्ली, मुंबई और झारखंड में एक साथ छापेमारी कर पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी किए गए आतंकी ISIS के संपर्क में थे।

दिल्ली को दहलाने की साजिश हुई थी नाकाम

पिछले दिनों दिल्ली को दहलाने की साजिश का पर्दाफाश हुआ था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी साजिश की जानकारी दी थी। जांच एजेंसियों के मुताबिक, इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड झारखंड का दानिश था, जो बीटेक पास है। दानिश ने खुद को सुरक्षा एजेंसियों से बचाने के लिए कोडनेम CEO रखा था और अपने मॉड्यूल का नाम ‘गजवा’ रखा था। वह पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था और सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को भर्ती करता था। इस नेटवर्क में मुंबई के कल्याण के रहने वाले आफताब, कामरान और हुजैफा भी शामिल थे।

हुजैफा यमन को तेलंगाना के निजामाबाद से गिरफ्तार किया गया था। कामरान कुरैशी को मध्य प्रदेश के राजगढ़ से गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से काफी मात्रा में IED बनाने की सामग्री और उपकरण बरामद किए गए थे। कुछ हथियार भी बरामद किए गए थे। बताया गया था कि इनको एक खिलाफत-स्टाइल का एक समूह तैयार करना था। साथ ही, उन्हें कुछ टारगेटिड किलिंग का काम सौंपा जाना था।

20-25 साल के युवा इनके निशाने पर थे

हैंडलर पहले रॉ मैटिरियल जुटाने के निर्देश देता, फिर IED बनाने की योजना बनाता था। आफताब को हथियार सौंपा गया था और वह दिल्ली पहुंचा था, लेकिन हमला करने से पहले ही उसे धर दबोचा गया। 20-25 साल के युवा इनके निशाने पर थे। ये लोग सोशल मीडिया पर नजर रखते और समान विचारधारा वाले युवाओं को अपने नेटवर्क में शामिल करने की कोशिश करते थे। इनकी योजना किसी जगह पर कब्जा कर खिलाफत की शुरुआत करने की थी। 

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 14 September 2025 at 17:10 IST