अपडेटेड 28 January 2024 at 18:25 IST
Bihar: निर्दलीय विधायक सुमित ने ली मंत्री पद की शपथ, जानिए उन्हें क्यों कहा जाता है 'विकास पुरुष'
Bihar Politics: बिहार में नीतीश कुमार के साथ निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ले ली है। वो पहले भी NDA सरकार में मंत्री थे।
Bihar Politics: बिहार में सियासी उठापटक के बीच नीतीश कुमार ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया और 9वीं बार बिहार के सीएम भी बन गए। उनके साथ बीजेपी के 2 डिप्टी सीएम और 6 कैबिनेट मंत्री ने भी शपथ लिया। इसमें एक नाम सुमित सिंह का भी है। आपको बता दें कि सुमित सिंह चकाई विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं।
बिहार के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह के बेटे सुमित सिंह को उनके क्षेत्र में 'विकास पुरुष' के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि उन्होंने अपने क्षेत्र में कई विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाया है।
कौन हैं निर्दलीय विधायक सुमित सिंह?
सुमित सिंह का जन्म 1 फरवरी 1984 को हुआ था। उनके पिता स्वर्गीय नरेंद्र सिंह भी बिहार सरकार में मंत्री थे। बताया जाता है कि नरेंद्र सिंह ने 2015 तक लालू से लेकर नीतीश सरकार तक में कई विभागों को संभाला था। उन्होंने रामविलास पासवान की पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी निभाई थी।
आपको बता दें कि सुमित सिंह को उनके क्षेत्र में बिक्की सिंह के नाम से जाना जाता है। चकाई सीट पर उनकी अच्छी पकड़ है और झारखंड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर वो विधानसभा तक पहुंचे थे। साल 2015 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, साल 2020 में फिर चुनाव लड़ा और इसबार उन्हें जीत मिली। वो NDA सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
नीतीश कुमार के साथ इन नेताओं ने लिया शपथ
- सम्राट चौधरी (डिप्टी सीएम- बीजेपी)
- विजय कुमार सिन्हा (डिप्टी सीएम- बीजेपी)
- डॉ प्रेम कुमार (बीजेपी)
- विजेंद्र यादव (JDU)
- विजय चौधरी (JDU)
- श्रवण कुमार (JDU)
- संतोष कुमार सुमन (HAM)
- सुमित सिंह (निर्दलीय)
इससे पहले विधायक दल का नेता चुने जाने पर सम्राट चौधरी का बयान भी सामने आया। बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा- 'बीजेपी ने मेरे जीवन के लिए ऐतिहासिक काम किया। विधानमंडल दल का नेता चुना जाना मेरे लिए एक भावनात्मक क्षण है। 2020 में हमें जो जनादेश मिला, वह बिहार के विकास और लालू यादव के आतंक को खत्म करने के लिए मिला। जब बीजेपी को नीतीश कुमार की ओर से यह प्रस्ताव मिला कि बिहार में जंगल राज न हो और संजय झा उनके राजदूत के रूप में यहां आए, हमने इसका समर्थन करने का फैसला किया।'
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 28 January 2024 at 17:30 IST