अपडेटेड 22 December 2025 at 20:56 IST
Fact Check: अब सिर्फ घर-ऑफिस या लॉकर ही नहीं, आपका ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट भी एक्सेस करेगा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट? जानिए सच्चाई
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया था कि इनकम टैक्स (IT) डिपार्टमेंट के अधिकारी 1 अप्रैल, 2026 से ईमेल, सोशल मीडिया हैंडल एक्सेस कर सकते हैं।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया था कि इनकम टैक्स (IT) डिपार्टमेंट के अधिकारी 1 अप्रैल, 2026 से ईमेल, सोशल मीडिया हैंडल एक्सेस कर सकते हैं। इसपर PIB ने इसे गुमराह करने वाला बताकर फैक्ट चेक किया है।
ट्विटर हैंडल @IndianTechGuide द्वारा दिए गए बयान से ऐसा लगा कि IT डिपार्टमेंट टैक्स चोरी के खिलाफ एक उपाय के तौर पर आपके सोशल मीडिया, ईमेल और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म की निगरानी कर सकता है।
असली कहानी क्या है?
PIB फैक्ट चेक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, इनकम टैक्स एक्ट 2025 की धारा 247 के प्रावधान सख्ती से सर्च और सर्वे ऑपरेशन तक ही सीमित हैं। जब तक कोई टैक्सपेयर बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी के सबूतों के कारण औपचारिक सर्च ऑपरेशन से नहीं गुजर रहा है, तब तक डिपार्टमेंट के पास उनके प्राइवेट डिजिटल स्पेस को एक्सेस करने की कोई शक्ति नहीं है।
इन शक्तियों का इस्तेमाल रूटीन जानकारी इकट्ठा करने/प्रोसेसिंग के लिए, या यहां तक कि जांच के तहत मामलों के लिए भी नहीं किया जा सकता है। ये उपाय विशेष रूप से सर्च और सर्वे के दौरान काले धन और बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी को टारगेट करने के लिए डिजाइन किए गए हैं, न कि हर दिन कानून का पालन करने वाले नागरिक के लिए।
1961 के एक्ट से ही मौजूद है ये प्रावधान
सर्च और सर्वे ऑपरेशन के दौरान डॉक्यूमेंट और सबूत जब्त करने की शक्ति 1961 के एक्ट से ही मौजूद है। हालांकि, ये प्रावधान IT डिपार्टमेंट को पारंपरिक इनकम टैक्स सर्च तक सीमित रहने के बजाय डिजिटल सर्च करना संभव बनाते हैं, जहां अधिकारी मुख्य रूप से कैश और ज्वेलरी जैसी भौतिक संपत्तियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। दावा किया गया था कि अब, ये सर्च और जब्ती की शक्तियां डिजिटल स्पेस तक भी बढ़ जाएंगी।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 22 December 2025 at 20:56 IST