अपडेटेड 2 August 2025 at 16:24 IST
Income Tax Return: कहीं आपके घर नोटिस ना पहुंच जाए! पहली बार ITR भरने में इन 10 गलतियों से करें तौबा
Income Tax Return Filing: इस आर्टिकल में हम उन 10 गलतियों के बारे में बात करेंगे, जो ITR भरते वक्त आपको बिल्कुल नहीं करनी चाहिए।
Income Tax Return Filing: सरकार ने 2025 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है। यह कुछ लोगों के लिए राहत हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप आखिरी दिन का इंतजार करें।
जैसे-जैसे डेडलाइन पास आती है, गलती की गुंजाइश बढ़ जाती है और अगर आपने कोई चूक की, तो न तो पैसा समय पर आएगा, न ही राहत। अब बात करते हैं उन 10 आम गलतियों की, जिनसे 2025 में आपको बचना चाहिए।
1. गलत आईटीआर फॉर्म भरना
हर किसी के लिए एक ही फॉर्म नहीं होता। अगर आपकी सैलरी ₹50 लाख से कम है, कोई पूंजीगत लाभ नहीं हुआ और आय सिर्फ वेतन और ब्याज तक सीमित है, तो ही ITR-1 चुनें। गलत फॉर्म भरने पर रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या नोटिस आ सकता है।
2. रिटर्न भर दिया, लेकिन वेरिफाई करना भूल गए
आईटीआर भर देना काफी नहीं है, उसे ई-वेरिफाई करना जरूरी है। अगर आपने वेरिफिकेशन नहीं किया, तो सरकार उसे जमा ही नहीं मानेगी। सरल भाषा में कहें तो सारी मेहनत पानी में चली जाएगी।
3. गलत असेसमेंट ईयर (AY) चुनना
इस बार आप FY 2024-25 का रिटर्न भर रहे हैं, तो AY 2025-26 चुनना होगा। गलत AY चुनने से प्रोसेस अटक सकता है और पेनाल्टी भी लग सकती है।
4. पर्सनल डिटेल्स में गड़बड़ी
नाम, पता, ईमेल, फोन नंबर, PAN, जन्मतिथि, इनमें कोई भी गलती आपकी फाइलिंग पर असर डाल सकती है। खासकर बैंक डिटेल्स, जिसमें जरा सी गड़बड़ी और आपका रिफंड अटक सकता है।
5. आय का पूरा खुलासा न करना
आमतौर पर लोग सिर्फ सैलरी बताते हैं और बाकी चीजें भूल जाते हैं, जैसे सेविंग अकाउंट का ब्याज, FD पर ब्याज, किराया, या म्यूचुअल फंड से कैपिटल गेन। छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
6. फॉर्मेट का ध्यान न रखना
आईटीआर फॉर्म में हर चीज का एक तय फॉर्मेट होता है, नंबर, डेट, अकाउंट डीटेल्स सब कुछ। अगर टाइपिंग गलत हो गई या फॉर्मेट नहीं फॉलो किया, तो तकनीकी खामियों के कारण रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है।
7. गलत टैक्स सिस्टम चुनना
पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था के विकल्पों में से आपको जो फायदेमंद हो, वही चुनना चाहिए। बिना समझे सिर्फ नया टैक्स सिस्टम चुन लेने से कई डिडक्शन्स का नुकसान हो सकता है।
8. टैक्स छूट का दावा करना भूल जाना
कई लोग प्रॉपर्टी बेचते हैं, फिर वो पैसा कहीं निवेश करते हैं, लेकिन धारा 54, 54F या 54EC के तहत छूट क्लेम करना भूल जाते हैं।
इसका नतीजा होता है- अनावश्यक टैक्स लायबिलिटी।
9. नोटिस को इग्नोर करना
अगर आयकर विभाग कोई नोटिस भेजता है, तो उसे गंभीरता से लें। जवाब न देने पर मामला जुर्माने या कार्रवाई तक पहुंच सकता है।
10. एडवांस टैक्स का समय पर भुगतान न करना
अगर आपकी टैक्स देनदारी ₹10,000 से ज्यादा है, तो आपको साल के बीच में एडवांस टैक्स देना होता है। नहीं दिया या कम दिया, तो हर महीने 1% ब्याज जुड़ता रहेगा।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 2 August 2025 at 16:24 IST