अपडेटेड 12 March 2024 at 23:39 IST
CPI Inflation: खुदरा महंगाई पर लगी लगाम, फरवरी में 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंची
CPI Inflation: खुदरा महंगाई दर फरवरी में मामूली घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.09 प्रतिशत पर आ गई।
CPI Inflation: खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में मामूली घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.09 प्रतिशत पर आ गई। इसके साथ, यह लगातार छठे महीने भारतीय रिजर्व बैंक के दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में है।
मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी के बावजूद उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 5.1 प्रतिशत के लगभग बराबर है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की महंगाई फरवरी में 8.66 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 8.3 प्रतिशत से मामूली अधिक है।
मासिक आधार पर सब्जियों, फल, तेल और वसा, दाल तथा उसके उत्पादों की महंगाई में मामूली कमी आई। हालांकि, अनाज और उसके उत्पाद, मांस और मछली तथा दूध एवं उसके उत्पाद खंड में कीमत वृद्धि की दर ऊंची रही।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है।
एनएसओ के अनुसार, फरवरी में औसत मुद्रास्फीति ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक 5.34 प्रतिशत रही जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 4.78 प्रतिशत थी।
राज्यों में सबसे ज्यादा महंगाई ओड़िशा में 7.55 प्रतिशत जबकि दिल्ली में सबसे कम 2.42 प्रतिशत रही।
भारतीय रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति के 2023-24 में 5.4 प्रतिशत और जनवरी-मार्च तिमाही में 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।
सीपीआई आंकड़े के बारे में इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि खाद्यान्न और पेय पदार्थों को छोड़कर सभी उप-समूह में फरवरी में महंगाई दर नरम हुई। यह संकेत देता है कि गैर-खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में नरमी जारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति (खाद्य और पेय पदार्थ, ईंधन और प्रकाश को सीपीआई से हटाने पर) नरम होकर इस साल फरवरी में 3.5 प्रतिशत रही, जो जनवरी, 2024 में 3.7 प्रतिशत थी। यह जनवरी, 2015 से उपलब्ध आंकड़ों के लिहाज से सबसे कम है।’’
एनएसओ ने कीमत आंकड़े 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से आंकड़े एकत्रित किये। इसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति नीतिगत दरें तय करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करती है।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 12 March 2024 at 23:39 IST