Published 11:40 IST, November 26th 2024
कौन हैं चिन्मय प्रभु, जिनकी गिरफ्तारी से बांग्लादेश में मचा कोहराम, रिहाई की मांग पर हिंदुओं पर हमला
बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में हिंदू समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
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बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। सड़कों पर कोहराम है। हिंदूओं पर हमले किए जा रहे हैं। मगर इस बार यहां कोई राजनीतिक फेरबदल नहीं हो रहा है। ये बवाल इस्कान ट्रस्ट के सचिव रहे चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी को लेकर हो रहा है। दरअसल, बांग्लादेश पुलिस ने सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के इलाके से हिंदू समूह ‘सम्मिलित सनातनी जोत’ के नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के विरोध में सैकड़ों की संख्या हिंदू सड़कों पर उतर गए हैं।
चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में हिंदु समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की। इस दौरान हिंदू प्रदर्शनकारियों पर हमले भी किए गए। इस हमले में एक प्रोफेसर के घायल होने की सूचना है। बता दें कि चिन्मय ने सत्ता परिवर्तन के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ प्रदर्शनों की अगुआई की थी। बांग्लादेश पुलिस की खुफिया शाखा के प्रवक्ता रेजाउल करीम ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की ।
क्यों हुई चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी?
बता दें कि चटगांव के कोतवाली थाने में 30 अक्टूबर को चिन्मय कृष्ण दास समेत 19 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन पर हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान चटगांव के न्यू मार्केट इलाके में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया। इस बीच, हिंदू समुदाय के सैकड़ों लोग चटगांव के चेरागी पहाड़ चौराहे पर सड़कों पर उतर आए और दास की तत्काल रिहाई की मांग की। इसी तरह राजधानी में हिंदू समुदाय के लोगों ने गिरफ्तारी के विरोध में देर शाम शाहबाग चौराहे को जाम कर दिया।
कौन है चिन्मय प्रभु?
जानकारी के मुताबिक चिन्मय को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया है। चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी हिंदू धर्म गुरू और बांग्लादेश ISKON के प्रमुख पुजारी हैं। वो बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रमुख नेता और इस्कॉन चटगांव के पुंडरीक धाम के अध्यक्ष भी हैं। लोग उन्हें चिन्मय प्रभु के नाम से भी जानते हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं पर ह रहे हमले के खिलाफ आवाज उठाते आए हैं। चिन्मय प्रभु सम्मिलित सनातन जागरण जोते समूह के सदस्य भी हैं। उनका संबंध अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना समाज (ISKCON) से भी है और वह ISKCON के प्रवक्ता भी रह चुके हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद युनूस के शासनकाल में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा तेजी से बढ़ती चली गई। हिंदुओं को घरों को निशाना बनाए जानें लगा। घरों-गाड़ियों में आग लगा दी जा रही है। बेवजह लोगों को घरों से निकालकर पीटा जाने लगा। हिंसा की इन घटनाओं का ISKCON के धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी उर्फ चिन्मय प्रभु ने खुलकर विरोध जताने लगे। अब वहां की सरकार ने चिन्मय प्रभु पर ही एक्शन ले लिया।
ISKCON ने भारत सरकार से मांगी मदद
अब चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर इस्कॉन की तरफ से बयान आया है और कहा कि यह हमें परेशान करने वाली खबर हैं। इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख नेताओं में से एक चिन्मय प्रभु को गिरफ्तारी गलत है। यह बेबुनियाद आरोप लगाना अपमानजनक है कि इस्कॉन का कहीं भी आतंकवाद से कोई लेना-देना है। इस्कॉन, भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने और बांग्लादेश सरकार से बात करने का आग्रह करता है।
Updated 11:40 IST, November 26th 2024