अपडेटेड 21 June 2025 at 22:56 IST
भारत में जिस तरह से आए दिन अपराध और बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखकर बस एक बात कहा जा सकता है कि इस देश में कानून का भय खत्म हो चुका है। एक वक्त था जब भारत की बहन-बेटियों को शायद रेप करने के बाद जिंदा छोड़ दिया जाता था। हालांकि, अब स्थिति और भी बदतर नजर आ रही है। आज के समय में बेटियों को रेप करने के बाद उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है। 2012 में निर्भया रेप केस के बाद से आज तक बलात्कार और हत्या के ऐसे-ऐसे मामले देखने को मिल रहा है, जिसे देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। इस बीच अमेरिका ने भारत को लेवल 2 में रखा है और रेप की घटनाओं को देखते हुए भारत में अकेले यात्रा ना करने की सलाह दी है।
अमेरिका की तरफ से जारी एडवाइजरी में कई सारी बातें लिखी गई। लेकिन सबसे पहली और प्रमुख बात ये है कि बलात्कार भारत में सबसे तेजी से बढ़ते अपराधों में से एक है। यौन उत्पीड़न सहित हिंसक अपराध, पर्यटक स्थलों और अन्य स्थानों पर होते हैं। इस वजह अमेरिका की महिलाओं को भारत में अकेले यात्रा ना करने की सलाह दी गई है। एक अन्य प्वाइंट में कहा गया कि आतंकवादी बिना किसी चेतावनी के या बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं। वे पर्यटक स्थल, परिवहन केंद्र, बाजार/शॉपिंग मॉल, सरकारी सुविधाओं को निशाना बनाते हैं।
एडवाइजरी में आगे लिखा गया कि खतरे की बदलती प्रकृति के कारण, भारत में काम करने वाले अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों को बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, मेघालय, ओडिशा के अधिकांश क्षेत्रों में यात्रा करने से पहले अनुमति लेना जरूरी है।
भारत एक ऐसा देश है, जहां नवरात्रि के नौ दिनों तक माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में कन्यापूजन किया जाता है। ऐसे भारत देश के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है, जब कोई दूसरा देश अपनी महिलाओं को इसलिए सफर करने से रोक रहा है, क्योंकि यहां महिलाओं की सुरक्षा नहीं होती है। जिस देश में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, उसी देश में महिलाओं की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है।
अपराध पर नियंत्रण करने के लिए अपराधी के अंदर कानून का भय होना जरूरी है। इस देश में अपराधियों के अंदर भय कैसे होगा, जब आरजीकर रेप एंड मर्डर केस जैसे मामलों में भी दोषी को फांसी की सजा ये कहकर नहीं दी जाती है, कि सबूत का अभाव है। इस देश में बहन-बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी, जब निर्भया जैसे मामले में एक दोषी को सिर्फ इसलिए सजा नहीं मिली, क्योंकि उसकी उम्र कम थी। इस देश में निर्दोष बहन-बेटियों को दरिंदे नोच खा रहे, लेकिन न्याय के नाम पर उम्र कैद की सजा सुनाई जाती है।
पब्लिश्ड 21 June 2025 at 22:56 IST