अपडेटेड 3 July 2025 at 16:50 IST
दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डिपोर्ट करने की बात कही। इसके बाद से मस्क को लेकर ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या राष्ट्रपति ट्रंप उन्हें बाहर कर देंगे? ट्रंप-मस्क की दुश्मनी अब पूरी दुनिया के सामने आ चुकी है। ऐसे में ये जानना जरूरी है, कि आखिर मस्क ने कहां पर गलती कर दी, जिसकी वजह से उन्हें अमेरिका छोड़कर जाना पड़ सकता है, या अमेरिकी राष्ट्रपति उन्हें ऐसा करने पर मजबूर कर सकते हैं।
बता दें, मस्क मूल रूप से साउथ अफ्रीका के प्रिटोरिया के हैं। युवा अवस्था में वह पढ़ाई के लिए साउथ अफ्रीका से कनाडा आ गए। 1989 में उन्हें कनाडा की नागरिकता मिली। कनाडा में उन्होंने क्वीन्स यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की और फिर 1992 में वह अमेरिका चले गए। मस्क स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका पहुंचे और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। पढ़ाई के दौरान ही मस्क ने अपनी पहली कंपनी Zip2 खोल ली।
अमेरिका में स्टूडेंट वीजा पर जाने वाले लोगों के लिए नियम काफी सख्त हैं। मस्क ने स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका में एंट्री तो ले ली, लेकिन अपनी पढ़ाई पूरी करने के बजाए, कंपनी खोल ली। अमेरिका में बिना परमिशन के स्टूडेंट वीजा पर कंपनी खोलना गलत है। मस्क ने यही गलती कर दी।
हालांकि, 1997 में मस्क ने H-1B वीजा लिया, जिसकी वजह से Zip2 के लिए काम करने की इजाजत मिल गई। इसके बाद 2002 में मस्क नेचुरलाइजेशन प्रोसेस की मदद से अमेरिकी नागरिक बन गए। हालंकि, यह ग्रीन कार्ड वाले लोगों के लिए एक प्रोसेस है, जिसमें आपको कई सालों तक अमेरिका में रहना होता है, नियम कानूनों के अच्छे से पालन करना होता है। इसमें देखा जाता है कि नागरिक किसी अपराध में संलग्न तो नहीं है।
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार एलन ने 1995 में स्टैनफोर्ड में एडनमिशन लिए बिना ही, जिप2 का काम शुरू कर दिया। इसकी वजह से उन्होंने स्टूडेंट वीजा के नियमों का उल्लंघन किया।
पब्लिश्ड 3 July 2025 at 16:50 IST