अपडेटेड 19 July 2025 at 15:31 IST
TRF को ग्लोबल टेरर ऑर्गनाइजेशन घोषित किए जाने के अमेरिकी कदम को चीन ने भी ठहराया सही, बिलबिलाया पाकिस्तान
अमेरिका के इस एक्शन से तिलमिलाए पाकिस्तान ने TRF और लश्कर-ए-तैयबा के बीच किसी भी तरह के संबंधों से इनकार किया है। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने अपने देश के भीतर मौजूद आतंकी नेटवर्कों को पूरी तरह से खत्म कर दिया है और पहलगाम हमले में लश्कर की संलिप्तता को जोड़ने की कोशिशों को सिरे से खारिज कर दिया।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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अमेरिका ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे सक्रिय संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर दिया। अमेरिका के इस कदम के बाद पाकिस्तान बिलबिला उठा है। पूरे पाक में अमेरिका के इस कदम के बाद हड़कंप मच गया है। TRF, जो कि लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा संगठन माना जाता है। अभी अमेरिका ने टीआरएफ को वैश्विक आतंकी सगंठन घोषित करके प्रतिबंधित ही किया था कि उसे एशिया के एक और बड़े देश और पाकिस्तान के सहयोगी रहे चीन का भी साथ मिल गया है। चीन के अमेरिकी फैसले पर समर्थन के बाद पाकिस्तान को दोहरा झटका लगा है। इस दोहरे झटके से पाकिस्तान की रणनीतिक स्थिति और छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
अमेरिका की इस एक्शन से तिलमिलाए पाकिस्तान ने TRF और लश्कर-ए-तैयबा के बीच किसी भी संबंध से इनकार किया है। इस्लामाबाद ने इस बात का दावा किया कि उसने अपने देश के भीतर मौजूद आतंकी नेटवर्कों को पूरी तरह से खत्म कर दिया है और पहलगाम हमले में लश्कर की संलिप्तता को जोड़ने की कोशिशों को सिरे से खारिज कर दिया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हमने आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही की है, और संबंधित लोगों को गिरफ्तार कर कानूनी प्रक्रिया में लाया गया है।'
आसिम मुनीर को ट्रंप से उम्मीदें थीं
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर, जो हाल ही में ट्रंप के साथ लंच पर मिले थे, अमेरिका से इतनी सख्त कार्रवाई की उम्मीद नहीं कर रहे थे, लेकिन TRF पर प्रतिबंध लगाकर अमेरिका ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि वह आतंकवाद के मसले पर अब और नरमी नहीं बरतेगा चाहे वह पाकिस्तान का पुराना सहयोगी ही क्यों न हो। ट्रंप के साथ लंच करने के बाद पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर को भी यह उम्मीद नहीं थी कि ट्रंप उनके खिलाफ इतना सख्त एक्शन ले सकते हैं। मगर अब अमेरिका के इस फैसले से पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है, 'पहलगाम आतंकी हमले की जांच अभी तक अनिर्णायक है और इसे किसी निष्क्रिय और प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ना तथ्यों के विरुद्ध है।'
आतंकवाद मुद्दे पर चीन ने कर दिया अमेरिका का अप्रत्याशित समर्थन
इस घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब पाकिस्तान का सबसे करीबी मित्र कहे जाने वाला चीन भी अमेरिका के पक्ष में खड़ा हो गया। चीन के विदेश मंत्रालय ने न सिर्फ 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की, बल्कि TRF पर अमेरिकी कार्रवाई का भी समर्थन करते हुए कहा, 'चीन हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है और क्षेत्रीय शांति के लिए आतंकवाद-रोधी सहयोग को आवश्यक मानता है।'
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भारत को मिला कूटनीतिक लाभ
अमेरिका और चीन के इस एकमत रुख से भारत की आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिशों को मजबूती मिली है। इससे पाकिस्तान के उस दावे की पोल खुल गई है कि वह आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त है। अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को अपनी स्थिति स्पष्ट करने में और अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 19 July 2025 at 14:20 IST