अपडेटेड 24 June 2025 at 17:31 IST

US Ban WhatsApp: अमेरिका को अपने ही देश के प्रोडक्ट पर भरोसा नहीं! कर्मचारियों के लिए व्हाट्सएप किया बैन

US Ban WhatsApp: अमेरिका को अब अपने ही देश के प्रोडक्ट पर भरोसा नहीं रह गया है। तभी तो यूएस हाउस के सभी कर्मचारियों को व्हाट्सएप यूज करने से मना कर दिया है।

US Whatsapp Ban
अमेरिका ने अपने कर्मचारियों के लिए WhatsApp बैन किया। | Image: AP/Canva/Freepik

US Ban WhatsApp:  ऐसा लग रहा है कि अमेरिका को अपने ही देश के प्रोडक्ट पर भरोसा नहीं रहा। दरअसल, हाल ही में अमेरिकी सरकार ने अपने स्टाफ से WhatsApp का इस्तेमाल करने से मना कर दिया है। अमेरिकी सरकार का कहना है कि WhatsApp साइबर सेक्योरिटी के लिए खतरा है। इसलिए US हाउस स्टाफ के लिए मेमो भी जारी किया है। इसके अनुसार US हाउस के सभी स्टाफ को अपने मोबाइल या फिर सिस्टम से व्हाट्सएप को हटाना होगा।

मेमो में कहा गया है कि यूजर डेटा की सुरक्षा करने में पारदर्शिता की कमी है। इस वजस से इसका इस्तेमाल यूएस हाउस में नहीं किया जा सकता है। बता दें, इससे पहले भी यूएस हाउस के स्टाफ के मोबाइल और सिस्टम से अन्य ऐप को हटाए जाने का आदेश दिया जा चुका है। इससे पहले साइबर सेक्योरिटी को देखते हुए अमेरिकी सरकार ने 2022 में टिकटॉक को बैन करने का आदेश दिया था।

मेटा ने सेक्योरिटची के खतरे से किया इनकार  

बता दें, व्हाट्सएप अमेरिकी कंपनी मेटा का हिस्सा है। मेटा का ही फेसबुक और इंस्टाग्राम है। अमेरिकी सरकार ने जिस तरह से यूएस हाउस में व्हाट्सएप को बैन किया है, उसे लेकर कहा कि ये गलत है। मेटा के प्रवक्ता ने कहा कि दूसरे जितने अप्रूव किए गए ऐप्स हैं, उनसे ज्यादा सुरक्षित मेटा का है।

WhatsApp के बदले इन एप्स के इस्तेमाल का आदेश

व्हाट्सएप के बदले अमेरिकी सरकार ने अन्य मैसेजिंग ऐप के इस्तेमाल की अपील की है। मेनेजमेंट की तरफ से सभी स्टाफ को माइक्रोसॉफ्ट के MSFT.O या फिर अमेजन के AMZN.O या विकर, सिंग्नल या ऐप्पल के iMessage या फिर फेसटाइम का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।

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ईरान ने भी लगाया था बैन

इससे पहले ईरान ने अपने देश में व्हाट्सएप को सुरक्षा के दृष्टिकोण से बैन कर दिया था। ईरान ने इन्फोर्मेशन लीक होने का दावा किया था। जून 2025 को ईरान ने अपने लोगों से व्हाट्सएप डिलीट करने का आग्रह किया था। ईरान ने दावा किया था कि व्हाट्एप ईरानी यूजर्स की जानकारी इकट्ठा कर रहा है, ताकि इजरायल को भेज सके। ऐसे में उन्हें यह डर सता रहा था कि कहीं ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई के लोकेशन का पता ना चल जाए।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 24 June 2025 at 17:31 IST