अपडेटेड 24 June 2025 at 19:06 IST
ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की अमेरिका ने बजा दी बैंड? 22 जून की स्ट्राइक में सेंट्रीफ्यूज हुआ तबाह- UN के वैज्ञानिक का बड़ा दावा
UN के वैज्ञानिक ने दावा किया है कि अमेरिका ने ईरान के जिन तीन ठिकानों पर हमला किया, उसमें न्यूक्लियर प्रोग्राम का सेंट्रीफ्यूज तबाह हो गया।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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संयुक्त राष्ट्र के एक पूर्व परमाणु हथियार निरीक्षक के आकलन के अनुसार, ईरान की परमाणु सुविधाओं पर अमेरिका और इजरायल के हमलों ने ईरान के सेंट्रीफ्यूज प्रोग्राम को नष्ट कर दिया है। इसका उपयोग हथियार-ग्रेड स्तरों के करीब यूरेनियम को समृद्ध करने के लिए किया जाता है।
डेविड अलब्राइट अब विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा संस्थान (आईएसआईएस) के अध्यक्ष हैं। उन्होंने सीएनएन को बताया कि, उपग्रह इमेजरी की समीक्षा करने और ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के बारे में जानकारी रखने वाले सोर्स से बात करने के बाद, उनका आकलन है कि ईरान के सेंट्रीफ्यूज कार्यक्रम को नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा, "हैरानी की बात ये है कि ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम को कितना नुकसान हुआ है। मुझे लगता है कि मिशन का वह हिस्सा पूरा हो चुका है।"
ईरान का यूरेनियम का स्टॉक 60 फीसदी समृद्ध
डेविड अलब्राइट ने कहा कि ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के अवशिष्ट हिस्से संभवतः बरकरार रहे हैं, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यूरेनियम का उसका भंडार 60% तक समृद्ध है, जो परमाणु हथियार बनाने के लिए आवश्यक 90% से थोड़ा ही कम है।
अटकलें लगाई जा रही थी कि ईरान 400 किलोग्राम (880 पाउंड) के इस परमाणु पदार्थ के भंडार को किसी सुरक्षित जगह पर लेकर गया है। हालांकि, इसे लेकर जब अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी से सोमवार को सवाल किया गया, तो वह भी इसका जवाब नहीं दे पाए। ग्रॉसी ने कहा कि ईरान ने इस बात को छिपाया नहीं है कि उन्होंने इस पदार्थ की सुरक्षा की है।
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क्या ईरान यूरेनियम को संरक्षित करने में होगा सफल?
अलब्राइट ने कहा, "भले ही ईरान अपने समृद्ध यूरेनियम को सुरक्षित रूप से छिपाने में सक्षम हो, लेकिन इसे हथियार-ग्रेड सामग्री में बदलना एक तेज प्रक्रिया नहीं होने जा रही है, क्योंकि अमेरिका और इजरायली के ऑपरेशन ने परमाणु हथियार बनाने के लिए गंभीर नुकसान पहुंचाया है।" उन्होंने आकलन किया कि अगर ईरान अपने कार्यक्रम को फिर से शुरू करने का फैसला करता है, तो उसे परमाणु हथियार बनाने में "एक या दो साल" लगेंगे।
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 24 June 2025 at 19:06 IST