अपडेटेड 1 March 2025 at 23:59 IST

Trump-Zelenskyy Controversy: ट्रंप-जेलेंस्की में तीखी झड़प, दुनिया भर में गया क्या संदेश? 5 प्वाइंट्स में जानें

Trump-Zelenskyy Controversy: ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुए विवाद से दुनियाभर में क्या संदेश गया? प्वाइंटर्स में समझे।

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ट्रंप-जेलेंस्की विवाद को प्वाइंटर्स में समझें। | Image: AP

रूस के साथ जारी युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अमेरिकी दौरे पर पहुंचे। अमेरिकी दौरे पर जेलेंस्की और अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप के बीच तीखी बहस देखने को मिली, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने जेलेंस्की द्वारा सुरक्षा की गारंटी मांगे जाने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति के बर्ताव को अपमानजनक बताया। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच नोकझोक देखने को मिला।

बहस के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति से ट्र्ंप ने कहा, "आपका देश बड़ी मुसीबत में है। आप जीत नहीं पा रहे हैं। हमारी वजह से आपके पास सुरक्षित बाहर आने का बहुत अच्छा मौका है। आप अकेले नहीं हैं। हमने आपको अपने मूर्ख राष्ट्रपति के माध्यम से 350 बिलियन डॉलर दिए। हमने आपको सैन्य उपकरण दिए। यदि आपके पास हमारे सैन्य उपकरण नहीं होते, तो यह युद्ध दो सप्ताह में समाप्त हो गया होता।"

आइए प्वाइंटर्स में समझते हैं कि यूक्रेन के राष्ट्रपति के इस अमेरिकी दौरे का सार क्या है और ट्रंप-जेलेंस्की के बीच क्या बातचीत हुई।

दुनियाभर के सामने एक अन्य देश के राष्ट्रपति के साथ ट्रंप का व्यवहार

हालांकि, ट्रंप अपने इस व्यवहार के लिए काफी प्रचलित हैं। आज के दौर में कई लोगों को ये काफी आकर्षक भी लग सकता है। हालांकि, देखा जाए तो व्हाइट हाउस के दफ्तर में यूक्रेन के राष्ट्रपति का ये व्यवहार अपमानजनक और अशोभनीय है।

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अपने लोगों में विश्वास और सम्मान बढ़ाने की कोशिश

ट्रंप दूसरी बार अमेरिका की सत्ता में वापस आए हैं। और आते के साथ ही उन्होंने ऐलान किया था कि अमेरिका के आगे कुछ भी नहीं है। उनकी पहली प्राथमिकता केवल और केवल अमेरिका है। इस बीच उन्होंने ये भी कहा था कि राष्ट्रपति बनते ही वो युद्ध को समाप्त करवा देंगे। ऐसे में ट्रंप अपने लोगों में सम्मान पाना चाहते हैं। अपने लोगों का विश्वास जीतना चाहते हैं।

राष्ट्रपति पुतिन को होगा फायदा

ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुई बहस का सबसे ज्यादा फायदा रूस को होने वाला है। दरअसल, बाइडेन की सरकार ने यूक्रेन का खुलकर समर्थन किया और रूस के खिलाफ युद्ध को और हवा दी। लेकिन अमेरिका की सत्ता में ट्रंप की वापसी के साथ ही तस्वीर बदल गई। ट्रंप ने पुतिन से ना केवल बातचीत की, बल्कि उन्हें अमेरिका आने का निमंत्रण भी दिया। तस्वीर ऐसी बदली है कि अब दो ताकतवर देश रूस और अमेरिका एक साथ नजर आ रहे हैं। और यूक्रेन जिसे युद्ध जारी रखने के लिए अमेरिका ने ही पीठ थपथपाया था, अब वो अकेला रह गया।

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यूक्रेन को हुआ बड़ा नुकसान

रूस और यूक्रेन के बीच ये जंग 24 फरवरी 2022 को शुरू हुई। यूक्रेन में सबकुछ तबाह हो गया, लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पुतिन के सामने घुटने नहीं टेके। यूक्रेन हर हमले का जवाब रूस को देता रहा। इसमें अमेरिका ने भी काफी मदद की। लेकिन अब वही अमेरिका अपने कदम पीछे करता नजर आ रहा है। इस युद्ध में अगर सबसे ज्यादा नुकसान किसी का हुआ है, तो वो यूक्रेन के लोगों का हुआ।

अलर्ट मोड पर रहेगा भारत

अमेरिका ने रूस और यूक्रेन की लड़ाई में जिस तरह की भूमिका निभाई है, इससे भारत को बहुत बड़ा सबक मिला है। भारत ऐसी किस भी परिस्थिति में एकतरफा फैसला नहीं करेगा, ना ही खुलकर वैश्वविक पटल पर किसी एक देश का खुलकर समर्थन करेगा। हालांकि, इस लड़ाई में भी भारत का पक्ष बिल्कुल साफ था। भारत ने केवल युद्ध रोकने पर विचार करने का निर्णय लिया।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 1 March 2025 at 23:59 IST