अपडेटेड 19 August 2025 at 14:38 IST
'भारत को वहां चोट दो, जहां ज्यादा दुखे', भारत-चीन-रूस की 'दोस्ती' देखकर बिलबिला उठे ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर; उगला जहर
Peter Navarro: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने भारत पर रूस और चीन के साथ 'दोस्ती' को लेकर सवाल उठाए, और ये तक कह दिया कि भारत को वहां चोट दो, जहां ज्यादा दुखे।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Peter Navarro: भारत पर भारी भरकम टैरिफ लगाने के बाद भी अमेरिका की 'दादागिरी' खत्म नहीं हो रही है। अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने भारत पर रूस और चीन के साथ 'दोस्ती' को लेकर सवाल उठाए, और ये तक कह दिया कि भारत को वहां चोट दो, जहां ज्यादा दुखे। उनके शब्दों में - hit India where it hurts
ब्रिटिश न्यूजपेपर के एक ओपिनियन पीस में उन्होंने ये भी कहा कि भारत को रूस से तेल लेना बंद करना होगा, और अगर भारत चाहता है कि वो अमेरिका का रणनीतिक साझेदार बना रहे, तो उसे उसी अनुसार व्यवहार भी करना होगा।
भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा अमेरिका
अमेरिका के टैरिफ के ऐलान से भी भारत डगमगाने का नाम नहीं ले रहा है। भारत ने एक ओर रूस से तेल लेना बंद नहीं किया, तो दूसरी ओर चीन के साथ भी दौरों का सिलसिला जारी हो चुका है। पिछले दिनों ये सूचना मिली कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी SCO समिट के लिए चीन का दौरा कर सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत आए हुए हैं।
अमेरिका भारत की इस रणनीति से डरा हुआ है। अमेरिका को लगता है कि अगर भारत, रूस और चीन के ज्यादा करीब हो गया, तो वो बस टैरिफ-टैरिफ चिल्लाता रह जाएगा, और पूरी दुनिया में उसकी थू-थू हो जाएगी। ऐसे में नवारो का ये बयान इसी की तिलमिलाहट है, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत की ये दोहरी नीति भारत को वहां चोट करेगी, जहां सबसे ज्यादा दुखता है। इसका मतलब है कि अमेरिका भारत को अमेरिकी मार्केट से दूर कर देगा।
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'भारत हमारा दुश्मन नहीं'
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारत दौरे पर कहा कि भारत हमारा दुश्मन नहीं है। उन्होंने अमेरिका को भी इशारों-इशारों में घेरते हुए कहा कि दुनिया में एकतरफा दबाव और धौंस की प्रवृत्ति बढ़ रही है। ऐसे में भारत और चीन को मिलकर अपना वैश्विक दृष्टिकोण दिखाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत और चीन इस समय एक दूसरे को प्रतिद्वंद्वी या खतरा ना समझे, बल्कि इस संबंध को साझेदारी और अवसर के रूप में देखें। आपको बता दें कि अमेरिका डर रहा है कि दुनिया में अगर ये त्रिकोणीय समीकरण बना, तो डोनाल्ड ट्रंप को बहुत दिक्कत हो जाएगी, और फिर वो किसी को भी कंट्रोल नहीं कर पाएंगे।
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 19 August 2025 at 14:38 IST