अपडेटेड 4 April 2024 at 09:29 IST

1984 में आज के ही दिन स्पेस गए थे राकेश शर्मा, पहली अंतरिक्ष उड़ान के वर्षगांठ की रूस ने दी बधाई

40 साल पहले 3 अप्रैल 1984 को भारत ने स्पेस में कदम रखा था। राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की उड़ान भरकर भारत के नाम इतिहास लिख दिया। रूस ने भारत को इसकी बधाई दी।

Russia Congratulate 40th anniversary of India's first space flight
भारत की पहली अंतरिक्ष उड़ान की 40वीं वर्षगांठ की रूस ने दी बधाई | Image: ANI

आज से 40 साल पहले 1984 में भारत ने स्पेस की दुनिया में बड़ी उपलब्धि हासिल की। आज के दिन भारत ने अंतरिक्ष में पहली बार कदम रखा था। और इस काम में भारत के करीबी दोस्त रूस ने मदद की थी। भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने सभी भारतीयों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि 3 अप्रैल को विंग कमांडर राकेश शर्मा के साथ पहली भारतीय अंतरिक्ष उड़ान भरी गई थी, जिसमें दो रूसी यात्री भी सवार थे। इसके अलावा रूसी मिशन के डिप्टी चीफ रोमन बाबुश्किन ने अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की उल्लेखनीय उपलब्धियों की सराहना की।

3 अप्रैल 1984 को भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने 35 साल की उम्र में स्पेस में कदम रखा था। बाबुश्किन ने राकेश शर्मा के ऐतिहासिक सहयोग पर जोर देते हुए बताया, "रूस हमेशा से भारतीय सफलता का पक्षधर रहा है।" रूस ने भारत के स्पेस रिसर्च प्रोग्राम की खूब सराहना की।

चंद्रयान से गगनयान तक रूस ने भारत का दिया साथ

भारत ने चंद्रयान-3 की सफलता के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। चंद्रयान से लेकर गगनयान मिशन तक रूस ने भारत का एक अच्छे दोस्त की तरह साथ निभाया। रूसी दूतावास में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी चीफ बाबुश्किन ने कहा, "अंतरिक्ष क्षेत्र हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमाण है।"

1975 से भारत और रूस की है पार्टनरशिप

उन्होंने कहा, "रूस, अंतरिक्ष अन्वेषण में अग्रणी के रूप में, हमेशा भारतीय सफलता का पक्षधर रहा है। हमारी भागीदारी 1975 से चली आ रही है, जब सोवियत संघ ने भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट को लॉन्च करने में मदद की थी। दूसरा उपग्रह, भास्कर, सोवियत संघ द्वारा 1979 में लॉन्च किया गया था।"

Advertisement

चंद्रयान पर क्या बोले रूसी मिशन के डिप्टी चीफ?

भारत के चंद्रयान मिशन का जिक्र करते हुए रूसी मिशन के डिप्टी चीफ ने कहा, "अब भारत, अपने मजबूत राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को विकसित करने के बाद, अंतरिक्ष महाशक्ति, अंतरिक्ष विज्ञान और उपग्रह प्रक्षेपण के लिए अच्छी तरह से प्रतिष्ठित, विश्वसनीय और पसंदीदा वैश्विक भागीदार का दर्जा प्राप्त करता है। चंद्रयान-3 परियोजना की सफलता भारत के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है।"

इसे भी पढ़ें: पल-पल फैसला क्यों बदल रहे अखिलेश यादव? मेरठ सीट पर अब अतुल प्रधान की जगह पूर्व मेयर सुनीता वर्मा को दिया टिकट

Advertisement

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 4 April 2024 at 07:39 IST