Published 12:16 IST, September 10th 2024
आरएसएस का मानना है कि कुछ धर्म, भाषाएं तुच्छ हैं : राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि आरएसएस कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। उन्होंने कहा कि भारत में राजनीति के लिए नहीं बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सोमवार को वाशिंगटन के वर्जीनिया उपनगर में हर्नडॉन में भारतीय अमेरिकी समुदाय के सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है। लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं है।’’
राहुल ने वहां पहली पंक्ति में दर्शकों के बीच बैठे एक सिख व्यक्ति से पूछा, ‘‘मेरे पगड़ीधारी भाई आपका क्या नाम है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं। या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं। लड़ाई इसी बात के लिए है और यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लिए है।’’
राहुल गांधी वर्तमान में अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। शनिवार से शुरू हुई उनकी यात्रा का पहला पड़ाव डलास था और वह सोमवार को वाशिंगटन पहुंचे। उन्होंने आरएसएस की नीतियों और भारत के संदर्भ में उसके दृष्टिकोण की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस वस्तुत: यही कहता है कि कुछ राज्य दूसरे राज्यों से कमतर हैं। कुछ भाषाएं दूसरी भाषाओं से तुच्छ हैं। कुछ धर्म दूसरे धर्मों से कमतर हैं। कुछ समुदाय दूसरे समुदायों से हीन हैं। इसी बात की लड़ाई है।’’
आरएसएस की यह विचारधारा है कुछ भाषाएं तुच्छ है-राहुल
उन्होंने कहा कि अंतत: ये मुद्दे लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदान केंद्र तक पहुंच जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘...आरएसएस की यह विचारधारा है कि तमिल, मराठी, बांग्ला, मणिपुरी, ये सभी तुच्छ भाषाएं हैं। लड़ाई इसी बात की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन लड़ाई इस बारे में भी है कि हम किस प्रकार का भारत चाहते हैं।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आप चाहे किसी भी क्षेत्र से हों, ‘‘आप सभी का अपना इतिहास है, आप सभी की अपनी परंपरा है, आप सभी की अपनी भाषा है और उनमें से प्रत्येक उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि कोई अन्य।’’
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भारत की ‘‘समझ’’ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत राज्यों का एक संघ है और संविधान में यह स्पष्ट तौर पर लिखा है। ‘इंडिया’ अर्थात ‘भारत’ राज्यों का एक संघ है। इसका मतलब है कि यह भाषाओं, परंपराओं, ऐतिहासिक चीजों आदि का संघ है।’’
RSS वाले कहते हैं कि भारत एक संघ नहीं है-राहुल
उन्होंने आरएसएस का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, ‘‘वे कहते हैं कि यह (भारत) एक संघ नहीं है। ये अलग चीजें हैं। इन सबमें सिर्फ एक चीज बेहद महत्वपूर्ण है, जिसका मुख्यालय नागपुर में है।’’ भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने उन्हें ‘‘भारत का दूत’’ कहा। उन्होंने कहा, ‘‘आप इन दो महान राज्य संघों के बीच सेतु हैं। आप हमें बेहद गौरवान्वित करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उन कठिनाइयों और संघर्षों को समझते हैं जिनसे आपको जूझना पड़ता है। यह आसान नहीं है। लेकिन जब आप यहां आए तो आप पूरी विनम्रता के साथ आए, सम्मान के साथ आए और स्नेह के साथ आए।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा की प्रणाली में एक व्यक्ति की दो पहचान नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘आप एक ही वक्त में भारत और एक ही वक्त में अमेरिका नहीं हो सकते हैं। हमारी लड़ाई इसी बात के लिए है। हम भारत में यही करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हम कहते हैं, नफरत नहीं फैलाओ, प्यार फैलाओ। अहंकारी मत बनो, विनम्र बनो। लोगों का अपमान नहीं करो, उनका सम्मान करो। परंपराओं, धर्मों, भाषाओं और समुदायों का सम्मान करो।’’
Updated 12:16 IST, September 10th 2024