अपडेटेड 2 August 2025 at 11:04 IST
'सुना है भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा...', Donald Trump ने किया बड़ा दावा, क्या हैं इसके मायने?
Donald Trump ने हाल दावा किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा, जिसे उन्होंने एक अच्छा कदम बताया, हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें इसकी सटीकता की पूरी जानकारी नहीं है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Donald Trump on India : भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल इम्पोर्टर है और ये बात अमेरिका अच्छे से समझता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत अब रूस से तेल खरीदना बंद कर सकता है। उन्होंने इसे एक अच्छा कदम बताया और यह भी स्वीकार किया कि ये खबर कितनी सटीक उन्हें इस बात की सही जानकारी नहीं है। इससे पहले शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया था कि भारत की ऊर्जा खरीद बाजार की गतिशीलता और राष्ट्रीय हितों पर निर्भर करती है।
विदेश मंत्रालय ने यह भी साफ किया था कि सरकार को भारतीय तेल कंपनियों द्वारा रूस से आयात रोकने के संबंध में किसी विशेष घटनाक्रम की जानकारी नहीं है। भारत-रूस के बीच तेल व्यापार पर ट्रंप ने यह टिप्पणी न्यूज एजेंसी ANI के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा है, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या वो भारत पर लगाए गए जुर्माने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने वाले हैं? इस पर ट्रंप ने जवाब देते हुए कहा-
“मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या गलत। यह एक अच्छा कदम है। देखते हैं क्या होता है...”
आर्थिक चोट देना चाहता है अमेरिका
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका, यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच रूस की आर्थिक आय को सीमित करने के लिए वैश्विक दबाव बना रहा है। भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है और पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद 2022 के बाद से रियायती रूसी तेल का प्रमुख खरीदार रहा है। अगर भारत रूस से तेल लेना बंद करता है, तो ये उसे बड़ी आर्थिक चोट होगी।
हालिया मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय सरकारी रिफाइनरियों ने रूसी तेल की खरीद पर अस्थायी रूप से रोक दी है, क्योंकि रूस द्वारा दी जाने वाली छूट कम हो गई है और शिपिंग चुनौतियां बढ़ी हैं। लेकिन भारत सरकार की तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
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क्या हैं इसके मायने?
ट्रंप का बयान अमेरिका की उस रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसमें वह भारत जैसे देशों पर रूस से तेल खरीद बंद करने के लिए दबाव डाल रहा है। अमेरिका ने भारत के सामानों पर 25% टैरिफ और रूस से व्यापार के लिए जुर्माने की घोषणा की है, जो इस दबाव को और मजबूत करता है। भारत दबाव में कोई समझौता नहीं करेगा, खासकर अपने किसानों, डेयरी, और MSME सेक्टर के हितों को लेकर। ट्रंप की टिप्पणियां और टैरिफ की धमकी भारत को अमेरिका से तेल और रक्षा उपकरण खरीदने के लिए प्रेरित करने का हिस्सा हो सकती हैं। अमेरिका ने यह भी कहा कि भविष्य में पाकिस्तान-भारत को तेल बेच सकता है।
भारत अब मध्य-पूर्व और पश्चिमी अफ्रीका से तेल खरीद रहा है। भारत ने स्पष्ट किया है कि उसकी तेल खरीदारी राष्ट्रीय हितों और बाजार कीमतों पर आधारित है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत-रूस संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और किसी तीसरे देश के दृष्टिकोण से नहीं देखे जाने चाहिए।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 2 August 2025 at 09:14 IST